जीवन को साधने की कला में शामिल होना धर्म

बुधवार को शहर के मुहल्ला कटरा स्थित अजितनाथ जिनालय में आचार्य प्रमुख सागर महाराज की शिष्या प्रतिज्ञा परीक्षा और प्रेक्षा माताजी के सानिध्य में संगीतमय शांति धारा एवं अभिषेक पूजन हुआ। इस दौरान जीवन को साधने की कला को धर्म बताया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:30 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:30 AM (IST)
जीवन को साधने की कला में शामिल होना धर्म
जीवन को साधने की कला में शामिल होना धर्म

जासं, मैनपुरी: बुधवार को शहर के मुहल्ला कटरा स्थित अजितनाथ जिनालय में आचार्य प्रमुख सागर महाराज की शिष्या प्रतिज्ञा, परीक्षा और प्रेक्षा माताजी के सानिध्य में संगीतमय शांति धारा एवं अभिषेक पूजन हुआ। इस दौरान जीवन को साधने की कला को धर्म बताया गया।

कार्यक्रम में प्रतिज्ञा माताजी ने कहा कि धर्म का सरल अर्थ है, जीवन को साथ लेने की कला से संलग्न हो जाना। अर्थात बिछुड़े हुए मोतियों की एक माला बनाकर कंठ को सुशोभित करना हमें जीने की कला सिखाता है। जीवन को साध लेने की यथार्थ साधना का नाम ही धर्म है। 48 दिवसीय महा भक्तामर विधान के पूर्ण होने के पश्चात पंडित कमल कुमार जैन का पगड़ी पहनाकर, वस्त्र आदि भेंट कर पुष्य प्रमुख चातुर्मास कमेटी के पदाधिकारियों ने सम्मान किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों का भी सम्मान किया गया। श्रवण भारती द्वारा जैन समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं को उपहार और प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रमुख सागर युवा मंच, सचि महिला मंडल मैनपुरी, पुष्प प्रमुख चातुर्मास समिति का सहयोग रहा।

सच्ची श्रद्धा से भक्ति करने वाला हो जाता है अमर : विहसंत सागर

संसू, करहल : कस्बा के जैन मंदिर नसिया में जैन मुनि विहसंत सागर महाराज ने गुरुवार को प्रवचन देते हुए बताया कि भक्तामर स्त्रोत जैन धर्म की संजीवनी बूटी की तरह है। उन्होंने इसकी महिमा बताते हुए कहा कि इसके पाठ से आधि-व्याधि और कष्टों का निवारण होता है। इसी भक्तामर के पाठ से मैना सुंदरी ने सैकड़ों लोगों का कुष्ठ रोग का निवारण किया था। आचार्य मांगतुंग द्वारा भगवान आदिनाथ का स्मरण कर भक्तामर स्त्रोत के अड़तालीस काव्यों का वर्णन करने से स्वमेव अड़तालीस तालों के कारागार से मुक्त हुए थे।

जैन मुनि ने कहा कि जो भक्त भगवान की सच्ची श्रद्धा से भक्ति करता है वही अमर हो जाता है। मंदिर परिसर में गुरुवार से लगाए गए भक्तामर शिविर में मुख्य रूप से मनोज पटवारी, हिमांशु जैन, रीना जैन, प्राची जैन, नीरजा जैन, मुस्कान जैन, सुजाता जैन, लवली मुजबार, राकेश सिघई, आलोक वकेवरिया, मणि जैन आदि मौजूद रहे।

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