फर्जी आइडी पर सिम बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़
पुलिस ने दो सिम विक्रेताओं को किया गिरफ्तार एक्टिवेटेड 55 सिम बरामद
जासं, मैनपुरी: फर्जी आइडी पर सिम बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने गिरोह में शामिल दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से 55 एक्टिवेटेड सिम बरामद हुई हैं। आरोपितों का एक साथी पुलिस को फरार हो गया।
एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि मोबाइल पर कालकर ठगी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए साइबर सेल को लगाया था। जांच में पता चला कि मोबाइल पर ठगी के कुछ मामलों में जिन सिम का प्रयोग किया जा रहा है, उनमें से अधिकतर सिमें बेवर के तीन दुकानदारों द्वारा बेची गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विशाल गुप्ता निवासी पुराना बाजार बेवर, अंकित गुप्ता निवासी आरपी नगर बेवर और निखिल गुप्ता निवासी थाने वाली गली बेवर की दुकानों पर जांच की तो 55 एक्टिवेटेड सिमें बरामद हुई। पुलिस ने विशाल गुप्ता और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया, जबकि निखिल गुप्ता फरार हो गया। पकड़े गए आरोपतों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
एक सिम बिक्री पर मिलते है 250 रुपये
पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि एक्टिवेटेड सिम बेचने पर उन्हें 250 रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती है। इसलिए वे एक्टिवेटेड सिम बेचने के धंधे में जुटे हुए थे।
सिमों को ऐसे करते हैं एक्टिवेट
आरोपितों ने बताया कि सिम लेने वाले एक ही व्यक्ति की आइडी लगाकर वे कई सिमें एक्टिवेट कर लेते है और ग्राहक को पता भी नहीं चलता है। बाद में एक्टिवेटेड सिम को अधिक कीमत पर बेच देते है।
गैर जिलों में भी बेची हैं एक्टिवेटेड सिमें
पुलिस की जांच में पता चला है कि पकड़े गए आरोपितों ने न सिर्फ जिले में बल्कि मेरठ, बरेली और अन्य जिलों के निवासियों को भी बिना आइडी के एक्टिवेटेड सिमें बेची है।
सिम विक्रेताओं की भूमिका की जांच
फोन काल के जरिए ठगी किए जाने की घटनाओं में इन सिम विक्रेताओं की संलिप्तता है या नहीं, इसे लेकर भी पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। अगर सुबूत मिले तो पुलिस का शिकंजा और कसा जाएगा।