डाक्टर गैरहाजिर, इलाज के इंतजाम भी नदारद

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भले ही सरकार ता

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:34 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:34 AM (IST)
डाक्टर गैरहाजिर, इलाज के इंतजाम भी नदारद
डाक्टर गैरहाजिर, इलाज के इंतजाम भी नदारद

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भले ही सरकार ताकत झोंक रही हो, परंतु इलाज के इंतजाम दुरुस्त करने के ये दावे धरातल पर दम तोड़ रहे हैं। पिछले दिनों ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाएं बढ़ाने की बात कही गई थी। जिले में ऐसा अब तक नहीं हुआ है। स्वास्थ्य केंद्रों में न तो सुविधाएं बढ़ी हैं और नहीं मनमानी का ढर्रा बदला है। सीएचसी गोधना और पीएचसी कुसमरा पर उपचार की व्यवस्था भी रामभरोसे हैं।

मंगलवार को जागरण ने इन दोनों स्वास्थ्य केंद्रों की पड़ताल की तो यह हकीकत सामने आई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमरा पर मंगलवार को सुबह 11:30 बजे तक चिकित्सा अधिकारी रवि मोहन सिंह नहीं पहुंचे थे। इस बीच 22 मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया, परंतु चिकित्सक न मिलने के कारण उनको फार्मासिस्ट कुलदीप को ही दिखाना पड़ा। केंद्र पर मंगलवार दोपहर तक टीबी की दो, कोविड-19 की 17 और हीमोग्लोबिन की सात जांच हो चुकी थीं। चिकित्साधिकारी दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल पहुंचे। एक्सरे-अल्ट्रासाउंड की पूछने पर पता चला कि यह सुविधा यहां नहीं है। केंद्र पर आक्सीजन का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। केंद्र पर चिकित्साधिकारी डा. रवि मोहन सिंह के साथ एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वाय, एक एलटी, एक एएनएम आदि की तैनाती है। आयुष महिला चिकित्सा अधिकारी का पद खाली चल रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कोरोना काल में ओपीडी पूरी तरह बंद कर दी गई थी। अस्पताल में वार्ड बने हैं, परंतु इंतजाम सही न होने से कोई भर्ती नहीं होता।

उधर, सीएचसी गोधना पर भी ऐसे ही हालात मिले। जागरण टीम दोपहर 12 बजे यहां पहुंची तो चिकित्साधीक्षक डा. प्रवीण कुमार के कमरे मे ताला लटका हुआ था। फार्मासिस्ट जयप्रकाश यादव अपनी कुर्सी पर मौजूद मिले। चीफ फार्मासिस्ट ओमकार सिंह भी गैरहाजिर थे। बताया गया कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों के पांच पद हैं, परंतु वर्तमान में केवल दो की ही तैनाती है। डा. प्रवीण कुमार के साथ दंत चिकित्सक अग्रिमा सिंह तैनात हैं, परंतु दोनों अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। अस्पताल में कोई भी मरीज भर्ती नहीं था। बताया गया कि केंद्र पर चिकित्सक लगभग हर दिन गैरहाजिर रहते हैं। कोरोना काल में ओपीडी पूरी तरह ठप रही थी। अब ओपीडी तो शुरू कर दी गई है, परंतु चिकित्सक न मिलने से मरीज मायूस लौट रहे हैं। फार्मासिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ ही इसकी खानापूर्ति करते हैं। लैब तकनीशियन की ड्यूटी अन्य जगह होने के कारण अस्पताल में जांच भी पूरी तरह ठप पड़ी है। एक्सरे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन भी उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में जब चिकित्सा अधीक्षक प्रवीण कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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