सोनासी में पूरा नहीं घूमा विकास का पहिया

ग्राम सभा सोनासी के पात्रों को पेंशन नहीं मिल रही है। ओडीएफ घोषित होने के बाद भी कई ग्रामीण शौचालय से वंचित हैं। तालाब पर अतिक्रमण है। गलियों में भी गंदगी रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 04:45 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 04:45 AM (IST)
सोनासी में पूरा नहीं घूमा विकास का पहिया
सोनासी में पूरा नहीं घूमा विकास का पहिया

संवाद सूत्र, किशनी, मैनपुरी: ग्राम सभा सोनासी में बीते पांच साल में विकास का पहिया पूरा नहीं घूम सका। कहने को गांव खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुका है, लेकिन अब भी बहुत से घरों में शौचालय नहीं है। खुले में शौच जाने का सिलसिला बरकरार है। गांव की गलियों में गंदगी भी विकास के दावे को मुंह चिढ़ाती नजर आती है। कुछ काम हुआ भी है और लोगों को योजनाओं का लाभ भी मिला है, परंतु यह हर एक तक नहीं पहुंच सका।

किशनी ब्लाक की इस ग्राम सभा में गांव सोनासी, मजरा पहाड़पुर, मजरा सकतपुर, मजरा सुल्तानपुर, मजरा मकोया और मजरा मधुपुरी शामिल हैं। करीब सात हजार जनसंख्या वाली इस ग्रामसभा में चार हजार से अधिक मतदाता हैं। बीते चुनाव में मजरा सकतपुर की रहने वाली कुसुमलता यादव प्रधान चुनी गई थीं। प्रधान का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गांवों में सीसी खरंजा का निर्माण कराया। अन्य विकास कार्य भी कराए हैं। पेंशन, आवास और शौचालय योजनाओं का लाभ बड़ी संख्या में लोगों को दिलवाया है।

हालांकि ग्राम सभा के सबसे बड़े गांव सोनासी में यह दावे पूरी तरह खरे नजर नहीं आए। गांव की नालियां उफनने से गलियों में जलभराव रहता है। ग्रामीण राधाकृष्ण, सुशील शर्मा, बनारसी सक्सेना, विनय शर्मा और विपिन सक्सेना ने बताया कि उनको शौचालय योजना का लाभ नहीं मिला है। मजबूरी में वह खुले ही शौच जा रहे हैं। ग्रामीण उमाशंकर और लाखन आदि ने बताया कि कई बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी उनकी पेंशन नहीं बनी है। जबकि वह पात्रता की श्रेणी में आते हैं। बीते पांच साल में गांव के तालाब को संवारने के लिए भी कोई काम नहीं हुआ है। तालाब अतिक्रमण का शिकार है। कूड़ा-कचरा फेंकने से इसका आकार सिमट रहा है। ग्रामीण जयराम और दिनेश आदि ने बताया कि दो दशक पहले गांव का तालाब स्वच्छ और पानी से लबालब रहता था। अब इसमें गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसकी दशा सुधारने के लिए कई बार मांग उठाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शिक्षा के पर्याप्त संसाधन

क्षेत्र में बच्चों की शिक्षा के लिए पर्याप्त सुविधा है। ग्राम सभा में पांच प्राथमिक और एक जूनियर विद्यालय है। वहीं, एक निजी इंटर कालेज और एक निजी महाविद्यालय भी संचालित है। इनमें विद्यार्थियों का पंजीकरण भी संतोषजनक है। हालांकि ग्राम सभा के करीब दो दर्जन लोग निरक्षर भी हैं। यह बोले ग्रामीण

ग्राम सभा के विकास को आने वाले धनराशि का सही उपयोग नहीं किया गया। अभी भी कई रास्ते और गलियां कच्ची हैं, जहां जलभराव की समस्या बनी रहती है।

शिवनारायण गुप्ता ग्राम प्रधान द्वारा वृद्धों और विधवाओं को पेंशन योजना का लाभ नहीं दिलाया गया। प्रशासन को शिविर लगाकर पेंशन योजना का लाभ देना चाहिए।

जयराम दिवाकर गांव का तालाब बुरी तरह गंदगी से अटा पड़ा है। उसकी सफाई के लिए ग्राम प्रधान द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया गया। इस तालाब से गांव का जल का स्तर सही रहता है।

भूरे तिवारी गांव में गलियों और नालियों की सफाई ही नहीं होती है। इसके चलते हल्की बरसात में ही गांव में जलभराव हो जाता है।

रमाशंकर दुबे ------------------------

आमने सामने

ग्रामीणों को दिलाया योजना का लाभ: प्रधान

प्रधान कुसुमलता यादव का कहना है कि उन्होंने पूरी ग्राम पंचायत में विकास कार्य कराए हैं। आधा सैकड़ा से अधिक लोगों को आवास योजना का लाभ दिलाया। एक सैकड़ा से अधिक लोगों को शौचालय का लाभ दिलाया है। गांवों में कई गलियों और रास्तों को पक्का कराने का काम भी किया गया है। गांव की समस्याओं का नहीं हुआ निदान: पूर्व प्रधान

पूर्व प्रधान राजवीर का कहना है कि ग्राम सभा में पूरा विकास नहीं हुआ है। सरकारी आवास और शौचालय में कई पात्रों को छोड़ दिया। तालाब और सफाई जैसी समस्याएं भी हल नहीं हुई हैं।

chat bot
आपका साथी