ताने बने प्रेरणा, चमकाया सरस्वती का मंदिर

ग्रामीणों के ताने और शिक्षक पिता की प्रेरणा से प्रधानाध्यापक ने शिक्षकों के सहयोग से सरस्वती का आंगन चमका दिया। तीन साल पहले जिस स्कूल में 107 विद्यार्थी थे आज वहां यह संख्या 367 पर जा पहुंची है। पोषण वाटिका किचन गार्डन और हरियाली से स्कूल में स्मार्ट कक्षा भी पहचान बनी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:25 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:25 PM (IST)
ताने बने प्रेरणा, चमकाया सरस्वती का मंदिर
ताने बने प्रेरणा, चमकाया सरस्वती का मंदिर

जासं, मैनपुरी : ग्रामीणों के ताने और शिक्षक पिता की प्रेरणा से प्रधानाध्यापक ने शिक्षकों के सहयोग से सरस्वती का आंगन चमका दिया। तीन साल पहले जिस स्कूल में 107 विद्यार्थी थे, आज वहां यह संख्या 367 पर जा पहुंची है। पोषण वाटिका, किचन गार्डन और हरियाली से स्कूल में स्मार्ट कक्षा भी पहचान बनी है।

कुछ ऐसा ही बदलाव अब सुल्तानगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत बिछवां की कंपोजिट पाठशाला में दिखने लगा है। मार्च 2018 में इस स्कूल के प्रधानाध्यापक के पद का दायित्व एबीआरसी और एनपीआरसी पद संभालने वाले शिक्षक रामप्रकाश मौर्य को मिला तो वह वहां के हालात देखकर हैरान रह गए। प्राइमरी पाठशाला में उस समय 70 और जूनियर में केवल 37 विद्यार्थी पंजीकृत थे, जिनमें से केवल तीस फीसद ही शिक्षण को आते थे।

ऐसे बदला माहौल

प्रधानाध्यापक रामप्रकाश मौर्य बताते हैं कि पद संभालने के बाद ग्रामीणों ने उनको ताने दिए। कहा कि अब बदलें स्कूल की सूरत। यह बात शिक्षक पिता को बताई तो उन्होंने इसे प्रेरणा बनाकर काम करने को कहा। प्रधान प्रतिनिधि भरत सिंह के साथ से उन्होंने स्कूल को चमकाना शुरू किया। कार्यालयों में दो लोहे के गेट लगवाए। जनसहयोग से एक लाख रुपये एकत्र किए, जिससे फर्नीचर आदि का इंतजाम किया। कायाकल्प से मिट्टी भराव कराया और टाइल्स लगवाए। प्रबंध समिति ने दिया साथ

प्रधानाध्यापक बताते हैं कि उन्होंने प्रबंध समिति बनाई। अध्यक्ष सुविधा कुमारी के अलावा नीतू चौहान ने शिक्षण में साथ निभाया, जो आज भी यथावत बना है। इसके बाद गांवों में अभिभावकों से संपर्क किया, बेहतर शिक्षण का भरोसा दिया। साकार किया तो आज विद्यालय की पाठशाला में 215 और जूनियर में छात्र संख्या 152 हो गई है। यह है खासियत

तीन साल पहले जिस स्कूल में मात्र छह पेड़ थे, आज वहां दो सौ पेड़ हैं। किचन गार्डन और पोषण वाटिका में सब्जी तैयार की जाती है, जिसे विद्यार्थियों को एमडीएम में उपलब्ध कराया जाता है। आज यहां विद्यार्थी स्मार्ट कक्षा में समय सारिणी से शिक्षण हासिल करते हैं। यह भी किए प्रयास

प्रधानाध्यापक ने बताया कि उन्होंने विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को बाल संरक्षण समिति का सहयोग लिया तो स्कूल संवारने में तत्कालीन एआरटीओ राजेश कर्दम का साथ लिया। यहां आए दिन प्रेरणादाई कार्यक्रम होते हैं। यह है स्कूल में खास-

शनिवार को बाल सभा तो नियमित पीटी और योगा कराया जाता है। त्योहार पर दीपदान होता है। कोरोना काल में ई-पाठशाला संचालित हुई तो मुहल्ला कक्षा भी संचालित की गई। अब, यहां के शिक्षक सरला पांडेय, सावित्री गुप्ता, प्रभा कुमारी, मोनिका दीक्षित और पूजा वर्मा गतिविधियों से शिक्षण देते हैं, जबकि शिक्षा मित्र दुर्गेश कुमारी डेढ़ साल से नहीं आ रही है।

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