अंजनी गांव के युवाओं में देश सेवा का जज्बा

मैनपुरी का अंजनी गांव फौजियों के गांव के नाम से मशहूर है। भारत की हर जंग में इस गांव के जवान खून बहा चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:14 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:14 AM (IST)
अंजनी गांव के युवाओं में देश सेवा का जज्बा
अंजनी गांव के युवाओं में देश सेवा का जज्बा

जासं, मैनपुरी: गांव में कुल 530 परिवार और 425 फौजी। फौजियों की यह तादाद राष्ट्र सुरक्षा के प्रति जज्बे का जुनून ही है। अब तक सौ फौजी देश सेवा कर रिटायर हो चुके हैं। गांव के वीरों ने अपनी वीरता न दिखाई हो, दुश्मन के दांत खट्टे न किए हों। यहां की हवाओं में देशभक्ति का भाव तैरता है। हर युवा का लक्ष्य सेना में भर्ती होना और देश की रक्षा में योगदान देना। इसीलिए गांव को फौजियों का गांव कहा जाता है।

हम बात कर रहे हैं शहर के नजदीक बसे गांव अंजनी की। गांव में कुल 530 परिवार हैं। लगभग हर घर से कोई न कोई फौज में है। वर्तमान में 325 परिवारों के बेटे देश की रक्षा कर रहे हैं। गांव के युवा सेना के अलावा पुलिस और अन्य पैरामिलिट्री फोर्स में भी हैं। यहां के जवान देश के विभिन्न बार्डरों और सेना के तैनाती स्थलों पर ड्यूटी निभा रहे हैं। इनमें रेगिस्तान से लेकर पहाड़ों की ऊंची चोटियां तक शामिल हैं। कारगिल युद्ध में भी इस गांव के जवान प्रवीण कुमार ने देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। यहां हर रोज होती है देश सुरक्षा पर चर्चा

आप कभी भी गांव जाइए, जहां लोग इकट्ठे होंगे, देश की सुरक्षा पर चर्चा हो रही होगी। गांव के बुजुर्ग-नौजवान गांव में फौज को लेकर भी चर्चाएं करते रहते हैं। यहां युद्ध के किस्सों और फौज की कहानियां से ही दिन शुरु होता है और शाम ढलती है। युवाओं का लक्ष्य, सेना में भर्ती होना

यहां के युवाओं को सबसे अधिक फौज की नौकरी ही पसंद है। सुबह-शाम गांव के युवा फौज की भर्ती के लिए तैयारी करते नजर आते हैं। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा पास करने के बाद भी यह तैयारी शुरू हो जाती है। युवाओं का कहना है कि देश की सेवा के लिए फौज में भर्ती होना वह गर्व की बात मानते हैं।

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