थम नहीं रहा बुखार का प्रकोप, युवक की मौत

जिले में बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। कस्बा कुसमरा में उपचार के लिए ले जाते समय बुखार पीड़ित युवक ने दम तोड़ दिया। अजीतगंज और बरनाहल क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बुखार से स्थिति विकराल हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 04:44 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 04:44 AM (IST)
थम नहीं रहा बुखार का प्रकोप, युवक की मौत
थम नहीं रहा बुखार का प्रकोप, युवक की मौत

जासं, मैनपुरी: जिले में बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। कस्बा कुसमरा में उपचार के लिए ले जाते समय बुखार पीड़ित युवक ने दम तोड़ दिया। अजीतगंज और बरनाहल क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बुखार से स्थिति विकराल हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर हैं।

अगस्त से बिगड़े बुखार के हालात अभी भी सामान्य नहीं हो रहे हैं। शहर के अलावा जिले के दर्जनों गांव इसकी चपेट में हैं। कस्बा कुसमरा के नुनारी निवासी प्रशांत तिवारी (18) पुत्र बृजेश तिवारी तीन दिन से बुखार से बीमार चल रहे थे। हालत बिगड़ती देख बुधवार को स्वजन उन्हें लेकर आगरा जा रहे थे। रास्ते में शिकोहाबाद के पास उनकी मौत हो गई। कस्बा में ही दर्जनों लोग डेंगू और बुखार की चपेट में हैं। कई का उपचार गैर जिलों के प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है।

अजीतगंज क्षेत्र में तो स्थिति बिगड़ती ही जा रही हैं। गांव के विद्याराम राठौर डेंगू की चपेट में हैं। उनके परिवार के अन्य चार सदस्य डेंगू और बुखार के कारण आगरा के प्राइवेट अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। उनके अलावा गांव के राहुल मिश्रा, रवि तिवारी, आदित्य कुमार, चंचल दुबे, मनु दीक्षित, कुंती मिश्रा, धर्मेंद्र मिश्रा, अंबुज अग्निहोत्री, रेनू दुबे, कुलदीप कुमार मैनपुरी शहर के प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू का उपचार करा रहे हैं। लगभग दो दर्जन लोग संसारपुर स्थित निजी चिकित्सक से इलाज ले रहे हैं। शहरी क्षेत्र में भी हालात खराब

शहर की स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं है। जिला अस्पताल में बुधवार को ओपीडी में बुखार के मरीजों की सर्वाधिक भीड़ पहुंची। बाल रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य का कहना है कि अब उनके पास प्रतिदिन 120 से 150 की संख्या में बच्चे पहुंच रहे हैं। सभी बुखार और सर्दी की समस्या से परेशान हैं। फिजीशियन डा. जेजे राम का कहना है कि बुखार के मरीजों की संख्या ज्यादा है। लोगों से अपील है कि वे झोलाछाप के पास न जाकर सीधे जिला अस्पताल आएं। प्लेटलेट्स काउंट कम होने का मतलब ये नहीं है कि डेंगू की समस्या ही होगी। सामान्य बुखार में भी ऐसा होता है।

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