गोला बाजार में तलवारों से काटे थे गोरों के सिर

ब्रिटिश शासनकाल में गोरा बाजार के नाम से गोला बाजार मशहूर था। यहीं गोरे अफसर रहते थे। 1857 की क्रांति के समय क्रांतिकारियों ने धावा बोल कर मौत के घाट उतार दिया था और आग लगा दी थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 05:43 AM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 05:43 AM (IST)
गोला बाजार में तलवारों से काटे थे गोरों के सिर
गोला बाजार में तलवारों से काटे थे गोरों के सिर

दिलीप शर्मा, मैनपुरी: शहर स्थित गोला बाजार भी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों की वीरता का गवाह है। ब्रिटिश शासनकाल में इसे गोरा बाजार के नाम से जाना जाता था। अंग्रेज अफसरों ने यहां घर बना रखे थे और एक बाजार भी लगता था। नौंवी पलटन के विद्रोह के समय जब क्रांतिकारियों ने कलक्ट्रेट पर हमला किया तो अंग्रेज अफसर यहीं भागकर आए थे, परंतु क्रांतिकारियों ने पीछा कर उनको घेर लिया था। फिर तलवारों के युद्ध में गोरों की गर्दनें उड़ा दी थीं।

मैनपुरी में 22 मई 1857 को अंग्रेज सरकार के खिलाफ क्रांतिकारियों की टुकड़ी ने महाराजा तेज सिंह के साथ मिलकर हमला बोला था। इस टुकड़ी को नौंवी पलटन कहा जाता था। कलक्ट्रेट पर हमले में जब अंग्रेज कमजोर पड़े तो जान बचाने के लिए भागे। कई अंग्रेज अफसर तत्कालीन गोरा बाजार में अपने घरों में जाकर छिप गए। पीछे-पीछे हाथों में तलवारें लिए क्रांतिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले अंग्रेज अफसर मांट गुमरी और वाटसन के घरों में आग लगा दी। इसके बाद कई अंग्रेज अफसरों को मौत के घाट उतार दिया था। इसी बीच शस्त्रागार को क्रांतिकारियों की दूसरी टुकड़ी ने लूट लिया था।

इतिहासकार एवं साहित्यकार श्रीकृष्ण मिश्र एडवोकेट द्वारा लिखित पुस्तक समग्र मैनपुरी में इस घटना का पूरा उल्लेख है। श्रीकृष्ण मिश्रा के मुताबिक गोरा बाजार क्रांति की पहली जंग का गवाह बना था। बाद में बोलचाल की भाषा में धीरे-धीरे इसे गोला बाजार कहा जाने लगा। यह आज भी उस जंग की याद दिलाता है। ईशन नदी पर दीपोत्सव से रोशन होगी आजादी की शाम

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: स्वतंत्रता दिवस की शाम जिले में इस बार एक अनूठे आयोजन की गवाह बनने जा रही है। अमृत महोत्सव के तहत जिला प्रशासन द्वारा ईशन नदी और अन्य जलस्त्रोतों पर दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक शामिल हो रहे हैं। साथ ही जिलेवासियों से बढ़चढ़कर भागीदारी करने की अपील की गई है। 15 अगस्त की शाम को हजारों दीप ईशन के किनारे पर रोशन होंगे और उनका जलप्रवाह किया जाएगा।

शुक्रवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने इस आयोजन को लेकर तैयारियों की समीक्षा की। डीएम ने बताया कि ईशन नदी के संरक्षण की जो मुहिम जिला प्रशासन के प्रयास और जन सहयोग से चलाई गई थी, आज उसके परिणाम नजर आ रहे हैं। ईशन नदी में वर्तमान में भरपूर पानी है। नदी और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए इस आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई है। ईशन नदी पर नुमाइश ग्राउंड के पीछे, देवी रोड पुल, जेल रोड सहित कस्बों और गांवों में दीपोत्सव मनाया जाएगा। साथ ही आवगंगा नदी सहित अन्य नदियों, नहरों और तालाबों पर भी लोग दीप जलाएंगे। डीएम ने कहा कि दीपोत्सव में ऐसी सामग्री का ही उपयोग किया जाएगा जो पानी में प्रदूषण न फैलाए। प्रमुख स्थलों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए विभिन्न विभागों को भी जिम्मेदार सौंपी गई है। बैठक में एडीएम बी. राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। दीप जलाएं और डीएम को भेजें सेल्फी

डीएम ने बताया कि दीपोत्सव में शामिल होने वाले लोग उनके सीयूजी मोबाइल 9454417511 पर 16 अगस्त को सेल्फी या फोटो भेज सकते हैं। बेहतर आयोजन करने वाले 10 लोगों को उनके द्वारा सम्मानित किया जाएगा। सभी हों शामिल

डीएम ने जिलेवासियों से आयोजन में शामिल होने की अपील की है। डीएम ने कहा कि लोग जहां चाहें वहां अपनी सुविधानुसार दीपक जला सकते हैं। अपने निजी तालाबों आदि पर भी आयोजन किए जा सकते हैं। परंतु ईशन नदी में अंदर न जाएं, पानी अधिक होने के कारण इसमें खतरा हो सकता है।

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