रात में भी सील हो गया था बार्डर, चप्पे-चप्पे पर था पहरा

लाकडाउन का पालन कराने को पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद थे। बैरियर लगाकर वाहनों की अनावश्यक आवाजाही रोक दी गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 06:29 AM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 06:29 AM (IST)
रात में भी सील हो गया था बार्डर, चप्पे-चप्पे पर था पहरा
रात में भी सील हो गया था बार्डर, चप्पे-चप्पे पर था पहरा

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : कोरोना के प्रकोप के दौर में बीते साल 25 मार्च को पुलिस-प्रशासन ने जबर्दस्त बंदोबस्त किए थे। जिले को लाकडाउन करने के लिए एक दिन पहले से ही तैयारियां चल रही थीं। देर रात में ही सभी बार्डर सील कर दिए गए थे। शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। लोगों में डर का माहौल था। मास्क और सैनिटाइजर खरीदने की होड़ मची थी। ऐसे में लोग घरों से बाहर निकले। पुलिस-प्रशासन ने उनको समझाकर वापस लौटाया। आला अधिकारी सुबह से रात तक भ्रमण करते रहे थे। ती रही।

बीते साल मार्च में ही कोरोना ने हिदुस्तान में पैर पसारना शुरू किए थे, तब सरकार ने बचाव के लिए कड़े फैसले लिए। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद 25 मार्च को लाकडाउन की घोशणा कर दी थी। इससे पहले पड़े 23 व 24 मार्च को बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी थी। वायरस के फैलने का खतरा देखते हुए दोपहर बाद बाजार बंद करा दिए गए। इसके बाद जरूरी सामान की बिक्री करने वाली दुकानों को कुछ समय के लिए खुलवाया गया था। फिर शुरू हुई थी लाकडाउन की तैयारी। तब पूरे देश को 21 दिन के लिए लाकडाउन-1 की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासन ने अपनी रणनीति बदल दी। पूरी तरह लाकडाउन करने को लेकर रात भर बैठकें चलती रहीं। इस दौरान लोगों की जरूरी आवश्यकताओं को पूरा किए जाने को लेकर भी विचार विमर्श किया गया।

25 मार्च को सुबह होते ही नई रणनीति पर काम किया गया था। पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पीआरडी जवानों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात कर दिया गया। सभी को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं। सभी उप जिलाधिकारी और क्षेत्राधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्रों में सड़कों पर सक्रिय रहे थे। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और तत्कालीन एसपी अजय कुमार पांडेय ने भी जिले भर का भ्रमण कर हालात का जायजा लेते रहे ोिथे। नहीं खुलने दिए बाजार

किराना, दूध, सब्जी और फल के दुकानदारों को पता था कि उन्हें अपनी दुकानें खोलने की अनुमति है, ताकि लोग जरूरी वस्तुओं को खरीद सकें। इसी के चलते लाकडाउन के पहले दिन सुबह ही कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोलना शुरू कर दिया था। पुलिस ने सभी को पूर्ण लाकडाउन की जानकारी देते हुए दुकानें खोलने से रोक दिया था। घरों को वापस भेज दिए थे बाजार आए लोग

लाकडाउन वाले दिन पहला नवरात्र भी था। हर किसी को पूजा पाठ करने के लिए प्रसाद, फल और पूजा की सामग्री की आवश्यकता थी। सुबह लोग फलाहार और पूजा की सामग्री लेने के लिए बाजार में आए तो सन्नाटा था। पुलिस कर्मियों ने सभी लोगों को अपने-अपने घर जाने की सलाह देकर वापस भेज दिया था

फोन पर लगाते थे दुकानदारों से गुहार

बाजार बंद होने पर तमाम लोग पूजा की सामग्री लेने के लिए दुकानदारों से फोन पर दुकान खोलने की गुहार लगाते थे। सामान की दो गुनी और तीन गुनी कीमत देने का लालच भी देते, लेकिन दुकानदारों ने लॉकडाउन होने की बात कहते हुए दुकान खोलने से इन्कार कर दिया था। कुछ दुकानदारों ने दुकान से सामान निकाल कर घर से बेचने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस उन्हें ऐसा नहीं करने दिया था। मेडिकल संचालकों ने की थी व्यवस्था

25 मार्च को लाकडाउन के बावजूद लोग मास्क-सैनिटाइजर आदि खरीदने घरों से बाहर निकले थे। हालात काबू करने के लिए कुछ देर के लिए मेडिकल स्टोरों के शटर बंद कराए गए। दोपहर में भीड़ हटते ही दोबारा दवा की दुकानें खुलवा दी गईं थीं। इस बार बेवजह की भीड़ न हो इसके लिए दुकानदारों ने एक-एक मीटर की दूरी पर चूने से निशान बनवाए गए थे। दवा लेने वाले ग्राहकों को इन्हीं लाइनों में खडे़ रहने के लिए समझाया गया था। तब लोगों ने भी साथ दिया था।

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