धरा को हरा-भरा बनाने का ले रहे संकल्प

दैनिक जागरण का आओ रोपें अच्छे पौधे अभियान का कारवां धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। 26 जून से प्रारंभ होने वाले इस अभियान के लिए सरकारी विभागों के साथ ही सामाजिक संगठन भी धरती को हरा-भरा बनाने का संकल्प ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 04:41 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:41 AM (IST)
धरा को हरा-भरा बनाने का ले रहे संकल्प
धरा को हरा-भरा बनाने का ले रहे संकल्प

जासं, मैनपुरी : दैनिक जागरण का 'आओ रोपें अच्छे पौधे' अभियान का कारवां धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। 26 जून से प्रारंभ होने वाले इस अभियान के लिए सरकारी विभागों के साथ ही सामाजिक संगठन भी धरती को हरा-भरा बनाने का संकल्प ले रहे हैं।

लगातार हो रही पेड़ों की कटाई, वाहनों के बढ़ते दबाव और जगह-जगह कूड़ा जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ गया है। पर्यावरण की हो रही अनदेखी कोरोना संक्रमण काल में भी सामने आ चुकी है। सभी जानते हैं कि ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने और हरियाली का श्रृंगार करने से ही पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। इसलिए दैनिक जागरण भी इस अभियान को खास बनाने में जुटा है। फलदार और सेहतमंद पौधों को रोपने की बात बताई जा रही है। समूह की महिलाएं रोपेंगी फलदार पौधे

दैनिक जागरण के पौधारोपण अभियान को अब समूह की महिलाओं का साथ मिलेगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाएं इस अभियान के तहत आम, पपीता और अमरूद के पौधों का रोपण करेंगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वत: रोजगार उपायुक्त रंजीत सिंह ने इसके लिए निर्देश भी जारी किए है। हरियाली समय की जरूरत है, इसमें सभी को सहभागिता करके धरा को हरियाली से सजाने में सहयोग करना चाहिए। नागरिकों के योगदान से ही पर्यावरण को सहेजा जा सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के साथ ही उनका संरक्षण करना भी संकल्प में शामिल होना चाहिए। अब पर्यावरण सहेजने के लिए सभी को आत्मीय योगदान निभाना होगा।

- रंजीत सिंह, स्वत: रोजगार उपायुक्त धरा जितनी हरियाली से भरी होगी, पर्यावरण उतना ही खूबसूरत होगा और नागरिकों की सेहत भी बेहतर रहेगी। कोरोना काल में आक्सीजन की कमी से पेड़ों की महत्ता से सभी को ज्ञान हुआ है। इसलिए नागरिकों को पौधारोपण करने के साथ ही उनके संरक्षण का संकल्प भी लेना होगा। पौधे लगाने से ज्यादा उनका संरक्षण करना सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी को योगदान निभाना होगा।

- दुर्विजय सिंह, उप निदेशक कृषि।

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