साहब, यहां भी करा दो पेयजल के प्रबंध

जिला अस्पताल की ओपीडी को वातानुकूलित बनाया जा रहा है लेकिन इमरजेंसी में पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। प्यास बुझाने के लिए चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को 150 मीटर दूर लगे हैंडपंप से पानी लाना पड़ रहा है। बार-बार गुहार के बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:00 AM (IST)
साहब, यहां भी करा दो पेयजल के प्रबंध
साहब, यहां भी करा दो पेयजल के प्रबंध

जासं, मैनपुरी: जिला अस्पताल की ओपीडी को वातानुकूलित बनाया जा रहा है, लेकिन इमरजेंसी में पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। प्यास बुझाने के लिए चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को 150 मीटर दूर लगे हैंडपंप से पानी लाना पड़ रहा है। बार-बार गुहार के बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की है।

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टाफ के साथ वार्ड ब्वाय और सफाई कर्मचारी तैनात रहते हैं। इसके अलावा प्रतिदिन लगभग 70 से 100 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। यहां ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पेयजल की कोई सुविधा नहीं है। प्यास लगने पर डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ को पुरानी इमरजेंसी के पास लगभग 150 मीटर दूर लगे हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है।

नर्सिंग स्टाफ में ज्यादातर महिला कर्मचारी भी शामिल होती हैं। उनका कहना है कि अंधेरा होने के बाद किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं रहती। सुनसान स्थान होने की वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई अराजक तत्व यहां दिन ढलने के बाद खडे़ हो जाते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन से एक आरओ स्थापित कराने की मांग की, लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। पहले लगवाया फिर निकलवा लिया आरओ

लगभग चार साल पहले अस्पताल प्रशासन द्वारा इमरजेंसी के नाम से आरओ प्लांट की खरीद कराई थी। लगभग सप्ताह भर तक इसे इमरजेंसी में लगवाया गया था, लेकिन बाद में तकनीकी खराबी बताकर वहां से उखड़वा लिया गया। कागजों में अब भी इमरजेंसी के नाम से ही आरओ स्वीकृत है, लेकिन वह कहां है, इस बारे में किसी को जानकारी नहीं। इस समस्या के बारे में मुझे किसी ने नहीं बताया है। इस संबंध में जानकारी की जाएगी। यदि ऐसा है तो इमरजेंसी स्टाफ के लिए पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी। किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

अरविद कुमार गर्ग, सीएमएस

जिला अस्पताल।

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