बाजार में पड़ने लगी दवाओं की कमी
जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है उससे भी तेजी से कोविड किट
जासं, मैनपुरी: जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, उससे भी तेजी से कोविड किट की दवाओं की मांग बढ़ रही है। स्थिति यह है कि बाजार में जरूरी दवाओं की कमी होने लगी है। स्वस्थ होने के बावजूद लोग मेडिकल स्टोर से दवाओं को खरीदकर घरों में स्टाक कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खपत विटामिन सी की गोलियों की है।
कोरोना संक्रमण के भयावह होने के बाद चिकित्सकों ने मरीजों की सुविधा के लिए दवाओं का एक स्टैंडर्ड मानक तैयार किया है। इसमें लगभग नौ प्रकार की दवाओं को शामिल किया है। ये दवाएं सामान्य लक्षणों के आधार पर संक्रमित मरीज को ही लेनी हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को वाट्सएप पर इनकी सूची भेजी जा रही है। अब ज्यादातर मरीजों के स्वजन द्वारा इनके पर्चे सार्वजनिक कर दिए हैं।
शहर के तांगा स्टैंड पर दवाओं के प्रमुख कारोबारी सचिन गुप्ता का कहना है कि उनके पास 80 फीसद लोग कोविड किट से संबंधित दवाओं की मांग कर रहे हैं। काउंटर पर सबसे ज्यादा डिमांड तो विटामिन सी की टेबलेट की हो रही है। बहुत से लोग तो बिना डाक्टरी पर्चे के ही दवाएं मांगते हैं। अब स्थिति यह है कि बहुत सी दवाएं कम पड़ गई हैं। मनमाने ढंग से न खाएं दवा
एपिडेमियोलाजिस्ट डा. राज विक्रम का कहना है कि कोई भी दवा बिना डाक्टर की परामर्श के न लें। दवाओं को स्टोरेज करना गलत है। यदि आवश्यकता होती है तो जांच के बाद चिकित्सकों द्वारा इसकी सलाह दी जाती है। कोविड की दवाएं भी लक्षणों के आधार पर ही समय-समय पर खानी हैं। टेबलेट के पीछे न भागें
डा. अंकित यादव का कहना है कि विटामिन सी के लिए टेबलेट के पीछे न भागें। यदि सामान्य स्थिति है तो नीबू का रस पानी में मिलाकर ले सकते हैं। यह विटामिन सी का बेहतर स्त्रोत है।