मानव कल्याण की कामना को शतचंडी महायज्ञ
शहर के श्री एकरसानंद आश्रम में आयोजन हुआ। कोविड की बंदिशों के पालन की भी सलाह दी गई।
जासं, मैनपुरी: आज पूरा देश कोरोना नामक महामारी के दंश से त्राहि- त्राहि कर रहा है। यह रोग हमारे अपनों को काल का ग्रास बनाकर अपूर्व राष्ट्रीय और पारिवारिक क्षति कर रहा है । वैज्ञानिक पूरी क्षमता से औषधि, प्राणवायु और अपनी सेवा से इस महामारी से जनमानस को बचाने के लिए दिन-रात जी जान से लगे हुए है। यह आपदा अचानक आई है, इस कारण हमारे साधन पर्याप्त सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं।
इसी क्रम में महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती ने मैनपुरी क्षेत्र और देश के जनमानस के रक्षाणार्थ संपुष्टि पाठात्मक शतचंडी महायज्ञ, अभिषेकात्मक अति विराट महारुद्र यज्ञ और प†च लक्ष महामृत्युंजय जाप का स्वयं संकल्प लेकर आश्रम के सिद्ध श्री विशेश्वर महादेव मन्दिर मे एक दिव्य अनुष्ठान का प्रारम्भ किया है
महाराज जी ने इस आपदा के अवसर पर लोगो से जाति और धर्म से ऊपर उठकर एक-दूसरे की तन, मन और धन से सहयोग करने का निवेदन किया। उन्होंने दृढ़ विश्वास से कहा कि सभी लोग घरो मे रहकर कोविड नियमों का पालन करते हुए चिकित्सकों की बात मानते हुए अपने इष्ट का निरन्तर सुमिरन जप करते रहें। डरे या घबराएं नहीं, बल्कि अपनों का मनोबल ऊंचा रखें । उन्होंने विश्वास दिलाया कि आश्रम में आरम्भ हुआ। यह महा अनुष्ठान निश्चित रूप से हमारे लिए संजीवनी का कार्य करेगा।
महाराज श्री ने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार, सृष्टि का संहार और रक्षण महाकाल भगवान मृत्युंजय के आधीन है। वह आशुतोष है और पराम्बा जगदम्बा आदिशक्ति दुर्गा देवी की कृपा इस रक्त बीज रूपी महामारी के विनाश के लिए अत्यावश्यक है। सर्वभूत हितेरता: की कामना से देवी संपद् मंडल का केंद्र श्री एकरसानंद आश्रम सदैव से ही जन कल्याण की भावना से प्राणियों के कल्याण के लिए संकल्पवत है।