डिस्चार्ज से पहले होगी ब्लैक फंगस की स्क्रीनिग

शासन ने ब्लैक फंगस की स्क्रीनिंग के निर्देश दिए। एल-2 अस्पतालों में भर्ती मरीजों से चिकित्सक पूछताछ करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 04:15 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 04:15 AM (IST)
डिस्चार्ज से पहले होगी ब्लैक फंगस की स्क्रीनिग
डिस्चार्ज से पहले होगी ब्लैक फंगस की स्क्रीनिग

जासं, मैनपुरी: कोरोना के संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब निगेटिव होने पर यूं ही डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की स्क्रीनिग कर उनमें ब्लैक फंगस से संबंधित लक्षणों की पड़ताल करेगी। पूरी तरह से स्वस्थ मरीजों को ही घर जाने की अनुमति दी जाएगी।

सूबे में बढ़ते ब्लैक फंगस के कहर को देखते हुए शासन चौकन्ना हो गया है। भर्ती मरीजों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। असल में ऐसे मरीजों को ज्यादा खतरा होता है जिन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया हो या फिर जो डायबिटीज से पीड़ित हैं। सीएमओ डा. एके पांडेय का कहना है कि हमारे यहां एल-2 अस्पताल में भर्ती एक महिला में ही लक्षण दिखे थे, जिसके बाद उन्हें बेहतर उपचार और जांच के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया। शासन स्तर से निर्देश दिए गए हैं कि अब एल-2 अस्पताल में ठीक होने के बाद जिन मरीजों को घर भेजने की प्रक्रिया कराई जाएगी, उन सभी की सबसे पहले ब्लैक फंगस को लेकर स्क्रीनिग कराई जाएगी। यदि ऐसे मरीजों द्वारा किसी प्रकार के लक्षणों की जानकारी मिलती है तो उन्हें पोस्ट कोविड वार्ड में भर्ती कराया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा ऐसे मरीजों की जांच और निगरानी कराई जाएगी। यदि किसी मरीज की स्थिति स्क्रीनिग के दौरान चिताजनक दिखेगी तो उन्हें बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटरों के लिए रेफर किया जाएगा। फिलहाल किसी भी मरीज में ऐसे लक्षण नहीं दिख रहे हैं। सभी मरीज स्वस्थ हो रहे हैं।

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