शत्रु से क्षमा नहीं मांगने से अहंकार होता बलवान

शहर के मुहल्ला कटरा स्थित अजितनाथ जिनालय से आचार्य प्रमुख सागर महाराज की श्ि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:27 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:27 AM (IST)
शत्रु से क्षमा नहीं मांगने से अहंकार होता बलवान
शत्रु से क्षमा नहीं मांगने से अहंकार होता बलवान

जासं, मैनपुरी: शहर के मुहल्ला कटरा स्थित अजितनाथ जिनालय से आचार्य प्रमुख सागर महाराज की शिष्या प्रतिज्ञा, परीक्षा और प्रेक्षा माताजी के सानिध्य में क्षमावाणी पर्व पर दशलक्षण पर्व में उपवास करने वालों की घट यात्रा निकाली गई। यात्रा गाजे-बाजे के साथ पा‌र्श्वनाथ उपवन मंदिर के लिए रवाना हुई। इस दौरान साध्वी ने कहा कि शत्रु से क्षमा नहीं मांगने से अहंकार और बलवान होता है।

मंगलवार को निर्जल उपवास करने वालों को रथ पर बैठाकर निकाली गई घटयात्रा में तीनों साध्वी के अलावा श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हुए पारसनाथ मंदिर पहुंचे। यहां उनकी पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद यात्रा जिनालय कटरा पहुंची, जहां धर्म सभा हुई। इसमें प्रतिज्ञा माताजी ने कहा कि आज दशलक्षण पर्व के उप संहार का दिन है। क्षमा आत्मा का गुण है। अब समय में परिवर्तन हो गया है, आप क्षमा भी उसी व्यक्ति से मांगते हैं, जिससे आपको प्रेम है या जो आपसे प्रेम करता है। परंतु जिससे आपकी शत्रुता है उसके घर आप भूलकर भी क्षमा मांगने नहीं जाते। इस प्रकार उस दिन क्षमा के एवज में आप अपने अहंकार को और अधिक पुष्ट करते हैं, ऐसा क्षमावाणी पर्व तो आपकी मायाचारी का ही प्रतीक होगा।

उन्होंने कहा कि जिसके पास क्षमा होती है, उसके पास नियमित रूप से विनय भी होती है। विनय को मोक्ष का द्वार कहा गया है। यदि आप भगवान महावीर के उपासक हैं तो प्राणी मात्र के लिए उत्तम भाव स्वयं आपके अंतरंग से निकलने चाहिए। मध्यान्ह में महावीर जिनालय बिसातखाना मंदिर में तीनों साध्वी के सानिध्य में अभिषेक- शांति धारा कराई गई। आदिनाथ जिनालय बड़ा मंदिर में शांति धारा, अभिषेक पूजन और जलधारा कराई गई। समाज के सभी लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर क्षमा मांगी। कार्यक्रम सफल बनाने के लिए प्रमुख सागर युवा मंच, सचि महिला मंडल, पुष्प प्रमुख चातुर्मास समिति का सहयोग रहा।

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