कैफेटिरिया से सारसों को निहार सकेंगे पर्यटक
सारस सर्किट में शामिल सहन में जल्द होगा जलपान गृह महिला समूह करेंगी संचालन पर्यटकों को लुभाने के लिए मनरेगा और ग्राम पंचायत निधि से कराए जाएंगे काम
जासं, मैनपुरी: कैफेटिरिया यानि जलपान गृह, रेस्तरा, काफी शाप। जल्द ही ये सब कुछ करहल के गांव सहन में नजर आएगा। सारस संरक्षित करने के लिए बनाए गए सारस सर्किट में पर्यटकों को लुभाने के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे तो इस गांव में वाच टावर के पास कैफेटिरिया बनाया जाएगा। यहां आने वाले पर्यटक चाय- काफी की चुस्कियों के बीच सारसों को निहार सकेंगे। संचालन का जिम्मा महिला समूह के हाथों में होगा। शीत ऋतु से पहले यह सुविधा विकसित होगी।
जिले में सारसों को संरक्षण देने के इरादे से करीब 40 किमी के दायरे में सारस सर्किट विकसित करने का काम चल रहा है। सर्किट में वेटलैंड और आद्र भूमि की अधिकता वाले गांवों को शामिल किया गया है। वहीं पर्यटकों को लुभाने के लिए तमाम काम हो रहे हैं। इनमें वेटलैंड विकसित करने के साथ वाच टावर बनाना आदि शामिल है। फिलहाल करहल ब्लाक के गांव सहन में मनरेगा से 300 बीघा का विशाल वेटलैंड तैयार कराया गया है। वहीं ग्राम पंचायत की राशि से वाच टावर भी बनाया गया है। पर्यावरण सहेजने के लिए वेटलैंड के चारों ओर सैकड़ों पौधे भी लगाए गए हैं।
अब यहां पर्यटकों की सुविधा के कैफेटिरिया बनाने की योजना तैयार की गई है। मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने पिछले दिनों इसके निर्देश दिए थे। इसका काम अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू होने जा रहा है। वाच टावर के पास फिलहाल इसे बांस की खपच्चियों से तैयार किया जाएगा। अक्टूबर के अंत तक काम को पूरा करने की योजना है। यहां पर्यटकों को चाय- काफी आदि मिलेगा। प्रयोग सफल होने के बाद इस सुविधा को और बढ़ाया जाएगा।
पर्यटकों को लुभाने के लिए लगेंगे साइनिंग बोर्ड
सारस सर्किट में पर्यटकों को लुभाने के लिए एक्सप्रेस-वे से सहन तक कई स्थानों पर साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे। इस पर विकसित किए जाने वाले सर्किट का मानचित्र होगा, जो हर सर्किट का रास्ता और दूरी बताएगा। एक्सप्रेस वे से सहन की दूरी करीब 20 किलोमीटर है।
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सहन में कैफेटिरिया बनाने का काम जल्द शुरू कराया जाएगा। यहां पर्यटकों को चाय-काफी और खाने का सामान भी उपलब्ध होगा। यह काम अगले माह तक पूरा करा लिया जाएगा।
पीसी राम, उपायुक्त मनरेगा।