प्रशासन के गले की फांस बना वार्ड 28 का परिणाम

जिला पंचायत सदस्य पद के वार्ड 28 का परिणाम प्रशासन के गले की फांस बन गया है। ज

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 04:54 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 04:54 AM (IST)
प्रशासन के गले की फांस बना वार्ड 28 का परिणाम
प्रशासन के गले की फांस बना वार्ड 28 का परिणाम

जासं, मैनपुरी: जिला पंचायत सदस्य पद के वार्ड 28 का परिणाम प्रशासन के गले की फांस बन गया है। जीत का दावा करने वाले दावेदार ने प्रशासन पर जबरन हराने की रणनीति बनाने का आरोप लगाया तो भाजपा नेता समर्थन में आ गए। डीएम और भाजपा नेताओं में परिणाम को लेकर नोक झोंक हुई। अंत में विवाद का पटाक्षेप करने के लिए डीएम को पुनर्मतणना के आदेश जारी करने पड़े।

जिले में 19 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ था। मतों की गणना का काम संबंधित ब्लाक में बनाए गए स्ट्रांग रूम में चला। प्रधान के अलावा ग्राम सदस्य और क्षेत्र- जिला पंचायत सदस्यों के मत अलग-अलग गिनकर प्रत्याशी के हिसाब से बंडल बनाए गए। रविवार सुबह से रात तक चली इस गणना का काम पूरा होने के बाद सभी इस्तेमाल मतपत्र बक्सों में भरवाकर सोमवार को सदर तहसील के कोषागार के डबल लाक में जमा करा दिया था।

मतगणना तो समय से पहले हो गई, लेकिन सदस्यों को जीत का प्रमाण पत्र कलक्ट्रेट में देने के लिए कहा गया। यहां जीत का प्रमाण पत्र देने के नाम पर घंटों इंतजार करवाया गया। शाम से चला यह काम पूरी रात और मंगलवार सुबह तक पूरा नहीं हुआ। वार्ड 28 का परिणाम भी घोषित सोमवार को घोषित नहीं हुआ। इस वार्ड से सपा विधायक राजकुमार यादव की पत्नी वंदना यादव प्रत्याशी हैं। दोपहर में वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी जर्मन यादव के जीतने की चर्चा चली। रात तक जर्मन यादव प्रमाण पत्र पाने को कलक्ट्रेट पर डटे रहे, अधिकारियों ने अंत में उनको मंगलवार सुबह परिणाम घोषित होने की बात कह लौटा दिया। इसके बाद वंदना यादव के जीतने की चर्चा शुरू हो गई। जर्मन यादव मंगलवार सुबह समर्थकों के साथ कलक्ट्रेट आ गए। वहीं, विधायक सदर राजकुमार यादव भी प्रत्याशी पत्नी वंदना यादव के समर्थन में सहयोगियों के साथ आए। इसके बाद कोतवाली पुलिस और पीएसी को विवाद टालने के लिए बुला लिया गया।

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भाजपाइयों ने लिया आड़े हाथ-

इसी दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान और पूर्व विधायक अशोक चौहान भी कलक्ट्रेट आ गए। जिलाध्यक्ष ने प्रशासन पर विधायक के दबाव में लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया तो डीएम महेंद्र बहादुर सिंह उनको समझाते रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसी की हार-जीत से मतलब नहीं है, परंतु जो भी परिणाम आए पूरी पारदर्शिता के साथ आना चाहिए। जिलाध्यक्ष ने प्रशासन पर सपा विधायक के दवाब में काम करने का भी आरोप लगाया। दिए गए पुनर्मतगणना के आदेश-

वार्ड 28 को लेकर सुबह से दोपहर 12 बजे तक चली कशमकश के बाद डीएम ने पुनर्मतणना कराने के आदेश जारी कर दिए। इसके लिए मैनपुरी ब्लाक को चुना गया। दोपहर तीन बजे स्ट्रांग रूम से दोबारा मतपेटिकाओं को बाहर निकाल कर लाया गया और दोबारा गिनती शुरू कराई गई।

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आरओ की गलती बनी विवाद-

वार्ड 28 को लेकर खड़े हुए विवाद के पीछे आरओ की गलती सामने आ रही है। मतगणना प्रक्रिया से जुड़े जानकारों ने बताया कि उन्होंने चार्ट में मतों को गलत भर दिया था। जानकारी पर सही कराया तो टोटल बिगड़ गया। इसके बाद आरओ गणना प्रपत्र को सही करके लाए, लेकिन गलती नहीं सुधर सकी।

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