नौ ब्लाक में नहीं सहेजा जा सका बारिश का पानी

दैनिक जागरण की ओर से जल है तो कल है अभियान चलाया जा रहा है। पूर्व में तमाम बार दिए निर्देश पर अमल नहीं हो सका है। विकास भवन में तीन साल से जल संरक्षण का काम हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:00 AM (IST)
नौ ब्लाक में नहीं सहेजा जा सका बारिश का पानी
नौ ब्लाक में नहीं सहेजा जा सका बारिश का पानी

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: सरकार रेन वाटर हार्वेस्टिग को लेकर लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन जिले के नौ ब्लाक परिसरों में आज भी इसको लेकर चिता नहीं की गई। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम नहीं होने से सभी ब्लाकों में बारिश का पानी बर्बाद होता रहता है। वैसे, इसके लिए पूर्व में तमाम बार आदेश दिए जाने के बाद भी यह काम आज तक धरातल पर नहीं हो सका है।

भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए शासन ने सभी सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए। करीब पांच साल से ऐसे आदेश विभागों को भेजे जाते हैं, लेकिन ये फाइलों में जाकर सिमट जाते हैं। यहीं वजह है कि अभी तक जिले के नौ ब्लाक में इस पर कोई काम नहीं किया जा सका है। सिर्फ विकास भवन में हो रहा काम

बारिश का पानी सहेजने का काम विकास भवन में जरूर हो रहा है। विकास भवन के पूर्व नाजिर रमाकांत दुबे ने बताया कि यहां बारिश के पानी को सहेजने के लिए तीन साल पहले हार्वेस्टिग सिस्टम बनवाया गया था। हाल ही में इसकी सफाई भी कराई गई, जिससे पानी के साथ कचरा आदि नीचे नहीं जा सके। पीडी ने जारी किया पत्र-

अब सभी नौ ब्लाक परिसरों में हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित होंगे। इसका पालन भी कराया जाएगा। इसके लिए परियोजना निदेशक केके सिंह ने सभी बीडीओ के साथ लघु सिचाई विभाग के सहायक अभियंता पीके अग्रवाल को भी पत्र लिखा गया है। उनसे इसकी योजना और बजट बनाने को कहा है।

आगरा से मापते जलस्तर

जिले में भूगर्भ जलस्तर को मापने का काम आगरा से होता है। आगरा में बने विभाग के कर्मचारी साल में यहां आकर इस काम करते हैं। आगरा से ही जिले के गांवों में कम और बढ़ते जलस्तर की रिपोर्ट जारी की जाती है। विकास भवन में स्थापित रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम से कितना पानी बढ़ा है, इसकी जानकारी किसी पर नहीं है।

सभी सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार करने को पूर्व में निर्देश दिए गए थे। अब इन पर कितना अमल हुआ, इसकी जानकारी कराएंगे। जहां नहीं बन पा रहा है, वहां इस काम को कराया जाएगा।

- ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी।

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