एंबुलेंसों के थमे पहिए तो पीआरवी ने बढ़ाए हाथ

हड़ताल की वजह से जिले में एंबुलेंसों का संचालन ठप हुआ तो पीआरवी की टीम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:09 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:09 AM (IST)
एंबुलेंसों के थमे पहिए तो पीआरवी ने बढ़ाए हाथ
एंबुलेंसों के थमे पहिए तो पीआरवी ने बढ़ाए हाथ

जासं, मैनपुरी : हड़ताल की वजह से जिले में एंबुलेंसों का संचालन ठप हुआ तो पीआरवी की टीम ने मदद को हाथ बढ़ाए। गंभीर हालत में मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाने की तैयारी कर ली। जरूरतमंदों को समस्या न हो, इसके लिए सभी टीमों ने अपनी-अपनी गाड़ियों में मेडिकल किटों को दुरुस्त कर सुविधाओं की पड़ताल की।

अपनी मांगों को लेकर 102, 108 और एएलएस एंबुलेंसों का संचालन ठप कर कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। लगातार पांच दिन से एएलएल और तीन दिन से 102 व 108 एंबुलेंसों का संचालन बंद कर दिया था। ऐसे में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सोमवार की शाम शासन से निर्देश मिलने के बाद पीआरवी की गाड़ियों को मरीजों की मदद के लिए कहा गया।

मंगलवार को डायल-112 की पुलिस की सभी गाड़ियों ने फील्ड पर निकलने से पहले अपने वाहनों में इमरजेंसी मेडिकल किटों की पड़ताल की। सीओ सिटी अभय नारायण राय का कहना है कि हमारी पीआरवी सामान्य दिनों में भी लोगों की मदद करती रही हैं। इस मुश्किल समय में पुलिस टीम पूरी तरह से तैयार है। यदि किसी भी मरीज के द्वारा डायल 112 पर फोन करके मदद मांगी जाएगी तो पांच से 10 मिनट के अंदर ही हमारी टीम मौके पर पहुंचकर उनकी सहायता करेगी। सभी टीमों को पूरी तरह से अलर्ट कर मदद के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। 25 गाड़ियों में चल रहा प्रशिक्षित स्टाफ

इन दिनों जिले में 25 पीआरवी वैन संचालित हैं। जिनमें प्रशिक्षित स्टाफ तैनात है। सीओ सिटी का कहना है कि पीआरवी में चलने वाले स्टाफ को मेडिकल प्रशिक्षण दिलाया गया है। जिसमें प्राथमिक उपचार करने का तरीका, पट्टी करना और बेंडेज लगाना आदि का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। समय-समय पर कैंपों के जरिए भी पुलिस टीम को स्वास्थ्य संबंधित जानकारियां दी जाती हैं। सुविधा शुल्क न मिला तो नहीं लगाए प्रसूता के टांके : मनमाना सुविधा शुल्क न मिलने पर सीएचसी घिरोर के स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रसूता की जिदगी खतरे में डाल दी। प्रसव तो करा दिया, लेकिन टांके नहीं लगाए। ज्यादा ब्लीडिग होने पर स्वजन द्वारा महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिलाया जा रहा है। इस लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है। जांच के नाम पर सीएमओ ने भी औपचारिकता बरती और 10 मिनट में ही खानापूरी कर वापस लौट गए।

औंछा थाना क्षेत्र के गांव नगला सलेही निवासी अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि 19 जुलाई को उनकी पत्नी नेहा को प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने सीएचसी घिरोर में भर्ती कराया था। आरोप है कि यहां सामान्य प्रसव के लिए स्टाफ नर्स हेमकांत, चंद्रभान और वार्ड आया सुनीता द्वारा पांच हजार रुपये की मांग की गई थी। उन्होंने सिर्फ तीन हजार रुपये दिए थे, जिस पर प्रसव कराकर नवजात को जन्म दिलाया गया, लेकिन उनकी पत्नी के टांके नहीं लगाए गए। इसकी वजह से लगातार ब्लीडिग होती रही।

मुख्यमंत्री से शिकायत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। सीएमओ डा. पीपी सिंह ने दोपहर में सीएचसी पर पहुंचकर अस्पताल का तो निरीक्षण लिया, लेकिन इस संबंध में कोई पूछताछ नहीं की गई। मात्र 10 मिनट में ही जांच की सारी औपचारिकता को पूरा कर लिया गया। सीएमओ का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई जरूर कराई जाएगी।

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