आसमान छूने लगे खाद्य तेल के दाम

रिफाइंड के दामों में भी इजाफा हो गया है। हर किसी को महंगाई सता रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 04:40 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 04:40 AM (IST)
आसमान छूने लगे खाद्य तेल के दाम
आसमान छूने लगे खाद्य तेल के दाम

जासं, मैनपुरी: पेट्रोल और डीजल की महंगाई छोड़िए, खाद्य तेल के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। त्योहार से पहले रिफाइंड के भाव बढ़ गए हैं। हर रसोई और खाने की जरूरत से जुड़ी इन वस्तुओं के महंगे होने से आम आदमी प्रभावित है। महंगाई ने अब खाद्य तेलों को निशाना बनाया है। सरसों और लाही के तेल की कीमतें करीब डेढ़ गुना तक बढ़ गई हैं। दो माह पहले 90 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला तेल अब 140 से 150 रुपये में मिल रहा है।

वैश्विक महामारी कोरोना के समय में भी खाद्य तेलों पर इतनी महंगाई नहीं थी। इसके बाद खाद्य तेलों को महंगाई ने अपने शिकंजे में ले लिया है। भोजन को लजीज बनाने के लिए खाद्य तेलों का बहुत प्रयोग किया जाता है। इसमें सबसे अधिक सरसों और लाही का तेल की बिक्री होती है। सरसों और लाही का तेल दो माह पूर्व सीलबंद तेल में ब्रांडेड कंपनियों का 100 से 110, जो आज 140 से 150 रुपये प्रति लीटर के दाम से बिक रहा है। वहीं, नॉन ब्रांडेड कंपनी का तेल 80 से 90 रुपये से अब 120 से 135 रुपये हो गया है। खुले में 90 रुपये प्रति किलोग्राम वाला यह तेल अब 140 रुपये की कीमत पर बिक रहा है। वहीं रिफाइंड के रेटों में भी तीस रुपये का इजाफा हुआ है।

कालाबाजारी से बढ़ रहे खाद्य तेल के दाम

खाद्य तेलों पर बढ़ रही महंगाई से सबसे अधिक गरीब और मध्यम वर्ग परेशान है। घरों में भोजन को लजीज बनाने में इसका बहुत प्रयोग होता है। खाना बनाने की जिम्मेदार महिलाओं पर होती है। बढ़ती महंगाई से लोग आक्रोशित हैं। आरोप है कि बड़े कारोबारियों द्वारा कालाबाजारी करने से यह महंगाई बढ़ रही है। प्याज की कीमत बढ़ने पर सरकार विदेशों से आयात करती है। तेल की कीमत बढ़ने पर किसी का ध्यान नहीं है। खाद्य तेलों की कीमत भी 100 रुपये से कम होनी चाहिए।

अनिल कुमारी यादव, गृहिणी खाद्य तेलों का प्रयोग भोजन बनाने में किया जाता है। खाद्य पदार्थों पर महंगाई बढ़ाना उचित नहीं है। कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होने से कीमतें कम होंगी।

नीलम भाटिया, गृहिणी महंगाई बढ़ाने के लिए कारपोरेट जगत जिम्मेदार है। फुटकर दुकानदार तो दो-चार रुपये के लाभ पर सामान बेचते हैं। उद्योगों से आने वाले माल को निर्धारित कीमत पर बेचा जाता है।

अमित कुमार, दुकानदार वस्तु, भाव अक्टूबर 2020, वर्तमान भाव

सरसों तेल, 90 से 110, 140-150

देशी घी, 400-450, 500-550

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