नहीं बढ़े आलू के भाव, मुश्किल में अन्नदाता

250 से 350 रुपये प्रति बोरी के भाव से आलू किसानों को नुकसान हो रहा है। अकेले बेवर के कोल्ड स्टोरेज में 15 लाख बोरी आलू रखा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 05:00 AM (IST)
नहीं बढ़े आलू के भाव, मुश्किल में अन्नदाता
नहीं बढ़े आलू के भाव, मुश्किल में अन्नदाता

संवाद सूत्र, बेवर, मैनपुरी: मुनाफे की आस में आलू उत्पादन करने वाले किसानों को इस बार नुकसान की आशंका सताने लगी है। बीते तीन माह से आलू के दामों में इजाफा ही नहीं हो रहा। अधिकतम 350 रुपये प्रति बोरी के दाम मिल रहे हैं, ऐसे में लागत भी नहीं निकल पा रही है। इसके चलते कोल्ड स्टोर से आलू की निकासी ही नहीं हो रही। अकेले बेवर क्षेत्र में ही 15 लाख बोरी आलू कोल्ड में स्टोरेज है।

सब्जियों का राजा कहा जाने वाला आलू नकदी फसलों में शुमार है। बेवर ब्लाक की बात करें तो क्षेत्र में नौ कोल्ड स्टोरेज संचालित हैं। इनमें फिलहाल 15 लाख बोरी से अधिक आलू भंडारित है। जिले में 54 कोल्ड स्टोरेज हैं और सभी में बड़ी मात्रा में आलू भंडारित हैं। बीते साल जुलाई तक कोल्ड स्टोरेज से 25 फीसद आलू की निकासी हो गई थी, परंतु इस बार मात्र 10 फीसद ही आलू बिक्री किया गया है।

किसानों के मुताबिक निकासी न होने की वजह आलू की कीमतों का कम होना है। बीते फरवरी-मार्च में जब आलू भंडारित किया गया था, उसकी कीमत 300 से 450 रुपये प्रति बोरी थी। वर्तमान में 280 से 350 रुपये प्रति बोरी आलू की दर चल रही है। इससे किसान की लागत भी नहीं निकल पा रही है। आलू उत्पादन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार आलू की कीमतें बढ़ती नजर नहीं आ रही हैं। आने वाले दिनों में अन्य राज्यों का आलू भी बाजार में आ जाएगा, ऐसे में कीमत कम ही रहने की आशंका है। किसानों को चाहिए कि समय रहते अपने हिसाब से आलू की बिक्री कर देनी चाहिए। जिस गति से आलू निकासी हो रही है और भाव रोजाना डाउन हो रहे हैं। उससे भविष्य की संभावनाएं अच्छी नहीं है। सरकार को अभी से स्थिति का आंकलन कर योजना पर अमल करना चाहिए।

संदीप दीक्षित, आलू व्यापारी यदि यही हालात रहे तो 2017 जैसी स्थिति होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। जब आलू निकाल कर खेतों सड़कों पर फेंकना पड़ा था। शासन किसानों के हित में उपाय करें।

विनय कुमार तिवारी, प्रबंधक शंकर कोल्ड स्टोरेज 28 साल से आलू के उतार चढ़ाव के दिनों को देखता आ रहा हूं। बिना अच्छे दिनों के इंतजार के किसानों को न्यूनतम आधा भंडारित आलू निकाल कर बेच देना चाहिए।

विजय कुमार, आलू व्यापारी सरकार को अभी से राहत सहायता कार्यक्रम लागू कर किसानों की डूबती नैया को किनारे लगाने के लिए उपाय करने चाहिए अन्यथा किसानों की हालत खराब हो जाएगी।

योगेन्द्र सिंह, किसान

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किसान भाइयों को अपना आलू शीतगृहों से निकाल कर अतिशीघ्र बिक्री कर कम-से-कम लागत व्यय तो सुरक्षित कर लेना चाहिए। आलू का भविष्य शुभ संकेत नहीं देख रहा है

अनूप कुमार चतुर्वेदी, जिला उद्यान अधिकारी

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