आलू किसान परेशान, कोल्ड स्टोर स्वामी बेकरार

बाजार में बेहतर भाव नहीं मिलने से आलू की निकासी थम गई है। बेवर के कोल्ड स्टोर में आज भी 13 लाख आलू के पैकेट पड़े हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 04:30 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 04:30 AM (IST)
आलू किसान परेशान, कोल्ड स्टोर स्वामी बेकरार
आलू किसान परेशान, कोल्ड स्टोर स्वामी बेकरार

संसू, बेवर: नकदी फसल में शुमार आलू पर इस बार भाव का संकट मंडरा रहा है। बेहतर भाव नहीं मिलने से किसान परेशान हैं तो कोल्ड स्वामी बेकरार हैं। निकासी नहीं होने से क्षेत्र के कोल्ड स्टोर में 13 लाख के करीब पैकेट भरे पड़े हैं। ऐसे में भाव सही नहीं होने से इस बार आलू के फेंकने की नौबत दिखने लगी है।

नकदी फसलों में शमिल और क्षेत्र की प्रमुख फसल आलू इस बार किसानों की परेशानी का कारण बन गया है। मुनाफे की उम्मीद अब तो धूमिल नजर आ रही है। सितंबर का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन किसान और व्यापारी कोल्ड स्टोर में जमा आलू नहीं निकाल पा रहे हैं, इससे कोल्ड स्टोर स्वामियों को अब किराया मिलने की भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है। ऐसे में वह किसानों को आलू निकालने के लिए बार-बार संदेश दे रहे हैं, लेकिन राहत भरा जवाब नहीं मिलने से स्टोर स्वामियों को भी अब चिंतित हैं।

चार माह से नहीं मिल रहे भाव

बीते चार महीनों से आलू भाव में बढ़ोतरी की बात तो दूर है, लेकिन गिरावट जरूर चली आ रही है। वर्तमान में ढाई सौ से तीन सौ रुपये प्रति पैकेट मांगा जा रहा है, इसके चलते निकासी लगभग ठप पड़ी है। बेवर क्षेत्र में संचालित नौ कोल्ड स्टोर में आज भी 13 लाख के करीब पैकेट भंडारित है। अभी तक मात्र तीस फीसद माल की निकासी हो सकी है, जबकि बाजार में नई फसल आने में अब दो माह का समय ही बचा है, जो किसान और कोल्ड मालिकों के लिए चिता की वजह बना है। बीते साल शानदार रहे भाव

बीते वर्ष 15 सितंबर तक साठ फीसद माल की निकासी हो गई थी, उसके बाद लगातार भाव बढ़ते गए और आलू अच्छी मुनाफा देने वाला साबित हुआ। निकासी को नहीं आ रहे किसान

बाजार में भाव सही नहीं मिलने से किसान भी कोल्ड स्टोरेज में जमा आलू की निकासी को नहीं आ रहे हैं। कोल्ड मालिकों के लगातार संदेशों को भी किसान और व्यापारी अनसुना कर रहे हैं। हालात यही रहे तो कोल्ड स्टोरेज का किराया भी निकालना मुश्किल हो जाएगा। ऐसा होने से स्टोरेज स्वामी भी घाटे में चले जाएंगे। कोल्ड मालिकों की बात अभी भी समय है कि प्रशासन आलू को बाहर की मंडियों में सप्लाई कराने की व्यवस्था बनाए। इससे किसान और व्यापारी को घाटे से उबारा जा सके। देर होने से दिक्कत ही बढ़ेगी।

पंकज सिंह चौहान, चौहान कोल्ड। नई फसल आने में दो माह है। 25 दिन के अंदर आलू की निकासी न कराई गई तो वह दिन दूर नहीं, जब आलू सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। किसानों की बड़ा झटका लगेगा।

पवन सिंह चौहान, पवन कोल्ड। आलू का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। किसान अधिकतम मात्रा में आलू निकालकर आर्थिक हानि से बचें। शासन- प्रशासन भी इस और ध्यान देकर उचित निर्णय लेना चाहिए।

यतींद्र सिंह चौहान, विद्यादेश कोल्ड।

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