घूरा-कूड़ा डाल किया तालाब की जमीन पर कब्जा
गोसलपुर गहियर तालाब में पानी पहुंचाने को बनाई नाली को दबंगों ने तोड़ा। सरकारी धन का बंदरबांट हुआ। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण उपेक्षा का शिकार हो रहा है।
संसू, अजीतगंज, मैनपुरी: तालाबों के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों को धन आवंटित किया जाता है, लेकिन बंदरबांट होने के कारण तालाब उपेक्षा के शिकार हो गए हैं।
विकासखंड जागीर की ग्राम पंचायत गोसलपुर गहियर का तालाब बदहाल है। चार बीघा तालाब का अधिकांश रकबा घूरा और कूड़ा डाल कब्जाया जा रहा है, तो तमाम लोगों को तालाब की जमीन को खेतों में मिला लिया है। तीन वर्ष से तालाब की सफाई नहीं हुई और न ही पानी भरवाया गया। अब तालाब सूखा होने के कारण पशुपालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान में तालाब के किनारों पर घूरा-कूड़ा और पशु बांधे जा रहे हैं। तीन से चार वर्ष पूर्व तालाब में पानी लाने को बनवाई गई नाली को दबंगों ने तोड़ दिया है। गांव का पानी और बरसात के मौसम में समुचित पानी नहीं पहुंचने से तालाब सूखा रह जाता है। पाच वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत ने जलाशय की सफाई करा कर पानी भरवाया था, उसके बाद आज तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
तालाब पर किए गए अतिक्रमण को प्रशासन के सहयोग से हटवाना चाहिए। श्रमदान कर ग्राम पंचायत के सहयोग से सूखे पड़े तालाब में जलभराव कराना चाहिए।
- अर्जुन। मनरेगा योजना के तहत मनमानी के चलते सरकारी धन का बंदरबांट किया गया। कागजों में तालाब की सफाई हुई, लेकिन जलाशयों की स्थिति बदहाल है।
- हरीश चंद्र। पूर्वजों का कहना था कि तालाब- पोखरों में पानी भरे रहने से भूजल स्तर बढ़ता है, गर्मी के मौसम में जल संकट उत्पन्न नहीं होता।
-मोहित कुमार। भूजल स्तर बढ़ाने के लिए तालाब में पानी भरने की व्यवस्था सभी ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के सहयोग से करनी चाहिए। साथ ही किनारों पर छायादार पौधे लगाए जाएं।
- अवधेश कुमार।