जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव से गरमाई सियासत

राजनीतिक दलों ने इसके बजाय जिले के विकास को बताया अहम मुद्दा सामाजिक संगठनों ने कहा- गलती को सुधारने का होना चाहिए काम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 06:10 AM (IST)
जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव से गरमाई सियासत
जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव से गरमाई सियासत

जासं, मैनपुरी: जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में मैनपुरी का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित होने के बाद सियासत गर्माने लगी है। कांग्रेस, सपा और बसपा ने इसका विरोध करते हुए विकास को प्राथमिकता देने पर ध्यान लगाने को कहा है, जबकि सामाजिक नागरिक गलती सुधारने की बात कह रहे हैं।

बीते दिन सोमवार को हुई जिला पंचायत की बैठक में सदस्य देवेंद्र प्रताप ने जिले का नाम मैनपुरी के बजाय मयन नगर रखे जाने का प्रस्ताव सदन में रखा। जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया ने सदन में बहुमत होने पर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। अब इसे शासन को भेजे जाने की बात कही जा रही है। वहीं, प्रस्ताव के पक्ष-विपक्ष में सुर मुखर होने लगे हैं। मंगलवार को नाम बदलने का प्रकरण इंटरनेट मीडिया पर दिनभर छाया रहा। इसके पक्ष-विपक्ष में दावे-प्रतिदावे किए जाने लगे।

प्रस्ताव के विरोध में कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन: मैनपुरी का नाम बदलने का प्रस्ताव जिला पंचायत में पारित होने के बाद कांग्रेस विरोध में उतर आई है। मंगलवार को पार्टी जिलाध्यक्ष विनीता शाक्य ने अन्य पदाधिकारियों के साथ नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में डीएम को ज्ञान सौंपा। राज्यपाल के नाम भेजे गए ज्ञापन में पार्टी का कहना है कि इसके बजाय जिले में विकास, रोजगार, पानी, सुरक्षा उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए। मैनपुरी को मैनपुरी ही रहने दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में पूर्व जिलाध्यक्ष संकोच गौड़, शशिभूषण सिंह, मनोज कुमार शाक्य, कैलाश उपाध्याय, अरविद, अशोक कश्यप आदि शामिल रहे।

राजनीतिक दलों की बात: मैनपुरी का नाम बदलने का बदलने के बजाय यहां के विकास पर ध्यान लगाना चाहिए। नाम बदलने की जरूरत नहीं है। आज जिले में विकास का अभाव है, नागरिकों केा स्वास्थ्य, पानी और सुरक्षा के साथ रोजगार की जरूरत है। पार्टी इसका विरोध करती है। विनीता शाक्य, जिलाध्यक्ष कांग्रेस।

सपा इसके खिलाफ है, मैनपुरी का नाम नहीं बदलना चाहिए। इस पर राजनीति की कोई जरूरत नहीं है। नाम के बजाय काम पर फोकस करना चाहिए। नागरिकों का विकास चाहिए, नाम बदलने में कुछ नहीं है। जिला पंचायत सदस्य ने केवल सुर्खियां बटोरने के लिए यह काम किया है।देवेंद्र सिंह यादव, जिलाध्यक्ष सपा।

जिला पंचायत में नाम बदलने का प्रस्ताव पारित हुआ है, जानकारी मीडिया के जरिये मिली। वैसे, मैनपुरी नाम भी खराब नहीं है। नाम बदलने के प्रस्ताव पर उनकी कोई राय नहीं है। जिला पंचायत लोकतांत्रिक संस्था है। नाम बदलने का प्रस्ताव पर उनकी राय सही मानी जाए। प्रदीप सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष भाजपा।

मैनपुरी का नाम बदलने का प्रस्ताव ठीक नहीं है। इससे बेवजह राजनीति होगी, लोगों का ध्यान विकास और दूसरे मुद्दों से भटकेगा। नाम के बजाय जिले के विकास पर ध्यान देना चाहिए। जिले में रोजगार के साधन विकसित करने पर काम करना चाहिए, बेवजह बखेड़ा की जरूरत नहीं हैं। आरएन वर्मा, सेक्टर प्रभारी आगरा मंडल। सामाजिक नागरिकों की बात

मैनपुरी ही नाम सही है, यह सालों से प्रचलित है। इस नाम में भी मयन ऋषि का उल्लेख है। नाम बदलने में तमाम खर्चा होता है। आज मैनपुरी नाम से जिले की पहचान कायम हो चुकी है, इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है।- घनश्याम दास गुप्ता, उद्योगपति।

अगर नाम बदला जाए तो मयन नगर के स्थान पर मयन पुरी ही होना चाहिए, इसमें ऋषि का भी उल्लेख आता है। वैसे, इसकी जरूरत नहीं है, अब मैनपुरी नाम पहचान बन चुका है।- भगवान दयाल गुप्ता, कारोबारी ।

अलीगढ़ और फीरोजाबाद के नाम बदलना तो ठीक है, लेकिन मैनपुरी का नाम बदलने की जरूरत ही नहीं है। मैनपुरी नाम में भी मयन ऋषि का नाम शामिल है। मैनपुरी नाम से भी कोई परेशानी नहीं है। - रामबाबू वर्मा, अध्यक्ष सराफा एसोसिएशन।

मैनपुरी का नाम बदलने का हम विरोध करते हैं। यह नाम सालों से प्रचलित है। नाम बदलने से क्या हासिल होगा। मैनपुरी नाम में भी ऋषि का उल्लेख है। मुगलसराय का नाम सही बदला है।- पंकज वर्मा, ज्वैलर्स।

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