100 शैय्या विग के पास लगेगा आक्सीजन प्लांट

अधिकारियों की विशेष टीमों ने जगह पर मुहर लगाई। अब जेम पोर्टल से मशीनों की खरीद होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 05:07 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:07 AM (IST)
100 शैय्या विग के पास लगेगा आक्सीजन प्लांट
100 शैय्या विग के पास लगेगा आक्सीजन प्लांट

जासं, मैनपुरी : देर से ही सही, लेकिन संघर्ष करती सांसों के लिए राहत भरी खबर आई है। शासन स्तर से भेजी गई अधिकारियों की विशेष टीम ने 100 शैय्या विग के पास खाली पड़ी जगह पर आक्सीजन प्लांट लगाने को हरी झंडी दे दी है। अब जेम पोर्टल से प्लांट की मशीनों की खरीददारी की प्रक्रिया आरंभ करा हर हाल में 30 से 45 दिनों के अंदर प्लांट का संचालन आरंभ कराए जाने पर जोर है।

जिले में भी कोरोना ने जमकर कहर बरपाया है। आक्सीजन के अभाव में बड़ी संख्या में मरीज दम तोड़ चुके हैं। हालात बिगड़ने के बाद आखिरकार सरकार की नींद टूटी है। बुधवार को अधिशासी अभियंता विद्युत यांत्रिकी खंड आगरा अपने विशेषज्ञ अधिकारियों की टीम के साथ मैनपुरी पहुंचे। सीएमओ डा. एके पांडेय और एसडीएम सदर ऋषिराज की मौजूदगी में आक्सीजन प्लांट के लिए 100 शैया विग के पास खाली पड़ी जगह का चिन्हांकन किया गया है।

अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड अनिल कुमार का कहना है कि यहां एक बड़ा आक्सीजन प्लांट स्थापित कराया जाना है। फिलहाल जगह फाइनल हो चुकी है। अब जेम पोर्टल के माध्यम से सीडीओ की देखरेख में मशीनों की खरीददारी कराई जाएगी। इस समय प्लांट स्थापना पर जोर है। हमारा प्रयास है कि मशीनें मिलने के 30 से 45 दिन के अंदर संचालन आरंभ करा दिया जाए। निरीक्षण के दौरान अधिशासी अभियंता विद्युत मागेंद्र अग्रवाल, लोक निर्माण विभाग के कई अभियंताओं के अलावा चिकित्सक मौजूद थे। 60 से 100 डी-टाइप सिलेंडर हो जाएंगे रीफिल

निरीक्षण टीम से मिली जानकारी के अनुसार जो प्लांट स्थापित कराया जा रहा है, उससे शुरूआत में 60 से 100 डी-टाइप सिलेंडरों को एक बार में रीफिल किया जा सकता है। सिलेंडरों को डी और बी-टाइप में बांटा जाता है। डी-टाइप की क्षमता सात हजार लीटर होती है जबकि बी-टाइप की 1500 लीटर। हम जंबो सिलेंडर को रीफिल कर सकेंगे। प्लांट के बाद मरीजों को आक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी।

बनाई जाएगी सेपरेट लाइन

अधिशासी अभियंता विद्युत मागेंद्र अग्रवाल का कहना है कि हमारे पास जिला अस्पताल परिसर में स्वतंत्र विद्युत फीडर है। इस फीडर से नई लाइन लाकर प्लांट तक बिछाई जाएगी। चौबीस घंटे आक्सीजन प्लांट को आपूर्ति मिलेगी। इसके लिए हमारे एक अवर अभियंता को भी यहां देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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