सरकार ने बनवाए आक्सीजन प्लांट, अब अस्पताल के हाथों कमान

कोरोना संक्रमण के दौरान आक्सीजन की किल्लत से बिगड़े हालातों को देखते हुए शासन ने दो आक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए थे। इनका निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब उन्हें अस्पताल प्रशासन को सौंप दिया गया। इन प्लांटों की मदद से अब मरीजों को चौबीस घंटे आक्सीजन की सुविधा मिल सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 04:00 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 04:00 AM (IST)
सरकार ने बनवाए आक्सीजन प्लांट, अब अस्पताल के हाथों कमान
सरकार ने बनवाए आक्सीजन प्लांट, अब अस्पताल के हाथों कमान

जासं, मैनपुरी : कोरोना संक्रमण के दौरान आक्सीजन की किल्लत से बिगड़े हालातों को देखते हुए शासन ने दो आक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए थे। इनका निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब उन्हें अस्पताल प्रशासन को सौंप दिया गया। इन प्लांटों की मदद से अब मरीजों को चौबीस घंटे आक्सीजन की सुविधा मिल सकेगी।

पीएम केयर फंड की मदद से जिला अस्पताल परिसर और 100 शैया अस्पताल के पीछे दो आक्सीजन प्लांट स्थापित कराने के लिए शासन ने अनुमति दी थी। कार्यदायी संस्था एनएचएआइ की मदद से इन प्लांटों को स्थापित कराने के बाद उनकी कनेक्टिविटी अस्पताल से करा दी गई। तकनीकी तौर पर गुणवत्ता की पड़ताल करने के बाद हरी झंडी मिली तो शासन ने इन्हें लोगों की मदद के लिए समर्पित करने का फैसला कर लिया।

शुक्रवार को आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ अस्पताल पहुंचकर दोनों प्लांटों की शिलापट्टिका का अनावरण किया। शुभारंभ के बाद डीएम ने प्लांटों की क्रियाविधि और सक्रियता की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों से की। आबकारी मंत्री ने कहा कि अब अस्पताल प्रशासन को इनका संचालन कराना है। मरीजों को आक्सीजन के लिए गैर जिलों पर निर्भर नहीं होना पडे़गा। इस मौके पर सीडीओ विनोद कुमार, सीएमओ डा. पीपी सिंह, एसीएमओ डा. राजीव राय, जिला एपिडेमिक अधिकारी डा. अनिल यादव, सीएमएस डा. अरविद कुमार गर्ग, डा. एके पचौरी, डा. आरके सिंह, अस्पताल प्रबंधक वरुणा पूनम, रवींद्र सिंह गौर आदि उपस्थित थे। 300-300 एलपीएम बनेगी आक्सीजन

दोनों प्लांटों की तकनीकी तौर पर देखरेख करने वाले इंजीनियर रितिक का कहना है कि इनसे 300-300 एलपीएम (लिक्विड प्रति मिनट) आक्सीजन पैदा होगी। दोनों प्लांटों से जिला अस्पताल और 100 शैया में कनेक्टिविटी कराई गई है। मरीजों को जरूरत पड़ने पर उनके बिस्तर पर ही आक्सीजन दी जाएगी।

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