भाकियू ने कृषि बिलों का किया विरोध, सौंपा ज्ञापन

- ईशन नदी पुल पर जमा किसानों को टेंपो से बैठाकर लाया गया तहसील - अब 18 को मैनप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:32 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:32 AM (IST)
भाकियू ने कृषि बिलों का किया विरोध, सौंपा ज्ञापन
भाकियू ने कृषि बिलों का किया विरोध, सौंपा ज्ञापन

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- ईशन नदी पुल पर जमा किसानों को टेंपो से बैठाकर लाया गया तहसील

- अब 18 को मैनपुरी स्टेशन पर रेल रोकने का एलान, नारेबाजी

जासं, मैनपुरी: शनिवार को भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारी और किसानों ने तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए केंद्र सरकार से इनको वापस लेने की मांग की। टेंपो से बैठाकर लाए गए किसानों ने सदर तहसील में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। अब 18 को मैनपुरी स्टेशन पर रेल रोकने का एलान किया गया है।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राधेश्याम शाक्य के नेतृत्व में किसान और पदाधिकारी शहर के ईशन नदी पुल करीब 11 बजे एकत्र होने लगे। जानकारी पर एसपी अशोक कुमार राय, सीओ अभय नारायन राय और कोतवाली प्रभारी भानु सिंह मौके पर आ गए। किसान नेताओं को समझाकर टेंपो में बैठाकर सदर तहसील लाया गया, जहां अन्य किसानों के आने पर दोपहर 12.30 बजे एसडीएम सदर ऋषिराज को ज्ञापन सौंपकर तीनों कृषि बिलों को किसान विरोधी बताकर वापस लेने की मांग की। इस दौरान ब्लाक अध्यक्ष शिवराज सिंह राजपूत, भुवनेश राजपूत, राजेश राजपूत, भूप सिंह शाक्य, उजेंद्र यादव, ओमकार सिंह, रवी यादव, योगेंद्र प्रसाद दुबे, राजा ठाकुर आदि भाकियू नेता और किसान मौजूद रहे।

बरनाहल में फूंका पीएम-सीएम का पुतला

संसू, बरनाहल: क्षेत्र के गांव नगला नधा में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष चरन सिंह के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के विरोध में फैसला ले रही है। यह तीनों बिल वापस लेने चाहिए। जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेगी, तब तक धरना चलता रहेगा। इस मौके पर महेश चंद्र, फलराम, चन्द्रपाल, दुर्वीन सिंह आदि मौजूद रहे। कब हुई पानी की जांच, किसी को याद नहीं

संचारी रोगों के फैलने में दूषित पानी भी काफी जिम्मेदार होता है। शासन की व्यवस्था है कि जल निगम और स्थानीय निकायों के द्वारा हैंडपंपों के अलावा सबमर्सिबल पंपों से आने वाले पानी की भी जांच कराई जाए ताकि वास्तविक अशुद्धियों का पता चल सके। लेकिन शहर में अब तक ऐसी कोई जांच नहीं कराई गई है। अबकी शासन ने अभियान में इस जांच को अनिवार्य करते हुए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।

18 अक्टूबर से संचारी रोगों की रोकथाम को लेकर फिर से अभियान का संचालन किया जाना है। स्थानीय निकाय निदेशक शकुंतला गौतम ने सभी निकायों के अधिशासी अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि बहुत सी बीमारियों की वजह दूषित पानी होता है। कई बार दूषित पानी से फैली बीमारियां जानलेवा भी हो जाती हैं। ऐसे में 18 अक्टूबर से 17 नवंबर 2021 तक संचालित होने वाले अभियान में निकाय जल निगम के साथ मिलकर घरों के पानी की जांच कराएंगे।

शहर में पालिका प्रशासन या जल निगम द्वारा अब तक ऐसा कोई भी अभियान नहीं चलाया है, जिसमें भूमिगत जल स्त्रोत की जांच कराई गई हो। अधिशासी अधिकारी लालचंद भारती का कहना है कि पूर्व में कराई गई जांच के बारे में तो कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अबकी बार जल निगम के साथ मिलकर पानी की जांच कराई जाएगी।

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