इमरजेंसी में ही कर ली ओपीडी
जिला अस्पताल में शुक्रवार को मरीजों की संख्या वृद्धि हो गई। सर्जन और फिजीशियन ने इमरजेंसी में उपचार दिया।
जासं, मैनपुरी: सीमित संसाधनों के बीच मरीजों की भीड़ को काबू कर उपचार देने के लिए चिकित्सकों ने अब नया तरीका अपनाया है। इमरजेंसी में ही ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को वरिष्ठ फिजीशियन और सर्जन ने एक साथ दो जिम्मेदारियां निभाते हुए मरीजों को परामर्श दिया।
जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी लंबे समय से चल रही है। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा ज्यादातर विशेषज्ञों को बतौर ईएमओ (इमरजेंसी मेडिकल आफिसर) इमरजेंसी में ड्यूटी पर लगाया जाता है। ऐसे में ओपीडी में आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार को चिकित्सकों ने मरीजों की सुविधा के लिए खुद ही रास्ता निकाल लिया।
वरिष्ठ फिजीशियन डा. जेजे राम की इमरजेंसी में ड्यूटी लगाई गई थी। यहां सड़क हादसे के मरीज पहुंचे तो सर्जन डा. गौरव पारीख को भी इमरजेंसी जाना पड़ा। यहां दोनों ही चिकित्सकों ने इमरजेंसी में ही ओपीडी सेवा का संचालन शुरू करा दिया। अलग-अलग कुर्सियां लगवाकर ओपीडी में आने वाले मरीजों को इमरजेंसी से ही उपचार और परामर्श दिया।
आठ सैकड़ा से ज्यादा पहुंचे मरीज
शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में आठ सैकड़ा से ज्यादा मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया। इनमें से ज्यादातर तो त्वचा संबंधित बीमारियों से परेशान थे। विशेषज्ञ चिकित्सक के छुट्टी पर होने की वजह से उन्हें बगैर इलाज ही लौटना पड़ा। हमारे पास चिकित्सकों की कमी है। यदि ईएमओ मिल जाएं तो विशेषज्ञों से हम सिर्फ ओपीडी में ही मदद ले सकते हैं। मजबूरी में तीन विशेषज्ञों को ईएमओ बनाकर प्रतिदिन इमरजेंसी में भेजना पड़ता है। इन्हीं चिकित्सकों से पोस्टमार्टम ड्यूटी, आपरेशन थियेटर और वीआइपी ड्यूटी की जिम्मेदारियां भी ली जाती हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से पत्राचार किया गया है कि विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराएं।
डा. अशोक कुमार, कार्यवाहक सीएमएस, जिला अस्पताल