ओपीडी चालू न होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किल

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बढ़ रही भीड़ ओपीडी बंद होने से वापस लौट रहे मरीज

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 06:30 AM (IST)
ओपीडी चालू न होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किल
ओपीडी चालू न होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किल

जासं, मैनपुरी : कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद जिला अस्पताल की ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया गया है। अस्पताल की बंद ओपीडी मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रही है। इमरजेंसी में लगातार संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं ओपीडी बंद देख मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है।

जिले में स्थिति अब बेकाबू होने लगी है। ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिए जाने से सामान्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजो को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी का ही संचालन हो रहा है। यहां गंभीर मरीजों के अलावा जहर खुरानी, विषाक्त सेवन, सड़क हादसों के साथ अब पेट दर्द, उल्टी, बुखार, सर्दी, जुकाम और बदन दर्द के मरीज भी पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां चिकित्सकों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। यदि ओपीडी सेवाओं को नियमानुसार चालू कराया जाए तो बहुत हद तक मरीजों को राहत मिल सकती है। इन सेवाओं के संचालन की है जरूरत

मधुमेह, ब्लड प्रेशर, ह्दय रोगियों के साथ छोटे बच्चों को कभी भी डाक्टर की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन अस्पताल में इन मरीजों को भी उपचार नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि दूसरे जिलों में पहुंचने पर भी तमाम बाध्यता बताकर मरीजों को वापस लौटा दिया जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल भी कर रहे मनमानी

प्राइवेट अस्पतालों में भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ज्यादातर कोरोना जांच रिपोर्ट की मांग करते हैं। गंभीर हालत में मरीजों को उपचार के लिए तुरंत जरूरत होती है। ऐसे में बहुत से मरीजों को समस्या से जूझना पड़ रहा है।

पीपीई किट पहनकर दे सकते हैं उपचार

प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि वे अस्पताल उपचार दे सकते हैं जो मानकों को पूरा करें। चिकित्सक और उनके साथी स्टाफ को पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा। इमरजेंसी में एक बाल रोग विशेषज्ञ को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को सुविधा और उपचार दे सकें। बेहतर सेवा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है।

डा. अशोक कुमार

कार्यवाहक सीएमएस

जिला अस्पताल

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