न बजट मिला और न आदर्श बने सके गांव
जिले में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत दो दर्जन गांव को चिन्हित किया गया था। 50 फीसद से ज्यादा अनुसूचित जाति की आबादी वाले इन गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करने के लिए कार्ययोजना तो बनाई गई लेकिन बजट के नाम पर एक रुपया भी अभी तक नहीं मिला। ऐसे में ये गांव आदर्श नहीं बन सके।
जासं, मैनपुरी: जिले में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत दो दर्जन गांव को चिन्हित किया गया था। 50 फीसद से ज्यादा अनुसूचित जाति की आबादी वाले इन गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करने के लिए कार्ययोजना तो बनाई गई, लेकिन बजट के नाम पर एक रुपया भी अभी तक नहीं मिला। ऐसे में ये गांव आदर्श नहीं बन सके।
केंद्र सरकार के निर्देश पर एक साल पहले प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में जिले के अति पिछड़े अनुसूचित जाति बहुल 24 गांव को शामिल किया गया। इन चयनित गांवों में 10 विभागों की 10 प्रमुख योजनाएं संचालित की जानी थीं। पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास के साथ ही डिजिटलीकरण करते हुए गांवों से सूचना-जनसंपर्क के विभिन्न माध्यमों से जोड़ा जाना था। इसके लिए केंद्र सरकार को हर ग्राम पंचायत को 20 लाख रुपये की धनराशि देनी थी।
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ये गांव हुए थे चयनित
लहरा महुअन, जरामई, बसुरा, देवगंज, नगला ऊसर, ताहरपुर, लपगवां, खिचौली, दनगन, मुगलपुर, बदनपुर, सरजनपुर, नसरतपुर, गल्लामई हुसैनपुर, सहादतपुर, शिवसिंह पुर, सैदपुर, रतिभानपुर, झंडेपुर और नसीरपुर, मधुपुरी, रहमतुल्लापुर, लोधीपुर, मदरावली।
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ये होने थे काम
पेयजल-स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य- पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण मार्ग और आवास, बिजली- स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धति, वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण, आजीविका-कौशल विकास। कचरा निस्तारण, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण- मरम्मत, आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण, संपर्क मार्ग, सोलर-स्ट्रीट लाइट की स्थापना। होनी थी कामों की निगरानी
सरकार ने इसके लिए विभागीय योजनाओं की निगरानी को 50 मानक निर्धारित तय किए थे। ग्रामीणों की आय वृद्धि के उपाय ढूंढने के साथ ही गांवों में इंटरनेट, साइबर कैफे की व्यवस्था होनी थी।
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चयनित पीएम आदर्श गांवों का विकास पांच साल में होना है। लाभार्थी परक योजना से कई विभाग लाभार्थियों को लाभ दे रहे हैं। जिलास्तरीय समिति से अनुमोदन के बाद फाइनल कार्ययोजना बजट के लिए उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। बजट जारी होते ही कार्य शुरू हो जाएंगे।
-विनीता, जिला प्रबंधक, उप्र. अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम।