सुल्तानगंज के गांवों में भी होगा मशरूम का उत्पादन
सुल्तानगंज के गांवों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन समूह की 125 महिलाओं को कृषि विज्ञानियों ने प्रशिक्षण दिया और गुर बताए। आर्थिक स्थिति सुधारने को जरिया बनेगा। महिलाओं ने उत्सुकता दिखाई।
जासं, मैनपुरी: अब जिले में मशरूम उत्पादन का दायरा और बढ़ाया जाएगा। किशनी के बाद अब सुल्तानगंज ब्लाक के गांवों में भी मशरूम तैयार करने का काम होगा। फिलहाल ब्लाक क्षेत्र की 125 महिलाओं ने इसके लिए उत्सुकता दिखाई है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं ने मशरूम उत्पादन और बिक्री को लेकर अधिकारियों से संवाद भी किया।
मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया की पहल पर जिले में मशरूम उत्पादन को महिलाएं आगे आईं हैं। किशनी ब्लाक के कई गांवों में इसका उत्पादन हो रहा है। अब मशरूम उत्पादन का काम सुल्तानगंज ब्लाक के गांवों में भी होगा। बुधवार को ब्लाक सभागार में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन समूह से जुड़ी करीब 125 महिलाओं को इसका प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण दो सत्रों में हुआ। डीडी कृषि डीवी सिंह बताया कि मशरूम से अच्छी पैदावार लेकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। मशरूम में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी की मात्रा होती हैं। मशरूम न केवल भोजन-दवा के रूप में उपयोगी होते हैं, बल्कि कुछ को जैविक उपचार में भी उपयोग किया जा रहा है। मशरूम के लिए खेत की जरूरत नहीं, इसकी खेती छप्पर या कमरे में की जा सकती है। उन्होंने कहा कि क्रषि विभाग इसके लिए पूरी मदद करेगा। आमदनी की ²ष्टि से बटन मशरूम की तुलना में आयस्टर मशरूम अधिक मुनाफा देता है। कृषि विज्ञानियों ने मशरूम को लेकर महिलाओं की शंकाओं का समाधान भी किया। प्रशिक्षण में डा. विशाल सिंह , डा.अनिल चौधरी, एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक प्रदीप कुमार, राज कुमार शर्मा मौजूद रहे।
125 महिलाओं ने लिया प्रशिक्षण
पहले सत्र में करीब 70 और दूसरे सत्र में 55 महिलाओं ने सहभागिता की। कृषि विज्ञानियों ने महिलाओं के सवालों को सुना और उनका समाधान भी किया। उद्घाटन बीडीओ धीरेंन्द्र सिंह यादव ने किया। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती के लिए जो मदद ब्लाक स्तर से होगी, वह की जाएगी ।