ग्राम पंचायत चितायन में मनरेगा में गड़बड़झाला

अब ग्राम पंचायतों में मनरेगा प्रधान और तकनीकी सहायक की मिलीभगत से कमाई का जरिया बन रही है। रोजगारसेवक की अनदेखी और महिला मेट से मिलकर फर्जी मस्टरोल भरे जा रहे हैं। निर्देशों के बाद भी रोजगारसेवक को मस्टरोल रिसीव नहीं कराए जा रहे हैं। एमएमएस से हाजिरी नहीं लगाई जा रही। किशनी ब्लाक की ग्राम पंचायत चितायन में मनरेगा के फर्जी भुगतान के मामले में जिला विकास अधिकारी ने जांच का आश्वासन दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 04:00 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 04:00 AM (IST)
ग्राम पंचायत चितायन में मनरेगा में गड़बड़झाला
ग्राम पंचायत चितायन में मनरेगा में गड़बड़झाला

जासं, मैनपुरी: अब ग्राम पंचायतों में मनरेगा प्रधान और तकनीकी सहायक की मिलीभगत से कमाई का जरिया बन रही है। रोजगारसेवक की अनदेखी और महिला मेट से मिलकर फर्जी मस्टरोल भरे जा रहे हैं। निर्देशों के बाद भी रोजगारसेवक को मस्टरोल रिसीव नहीं कराए जा रहे हैं। एमएमएस से हाजिरी नहीं लगाई जा रही। किशनी ब्लाक की ग्राम पंचायत चितायन में मनरेगा के फर्जी भुगतान के मामले में जिला विकास अधिकारी ने जांच का आश्वासन दिया है।

मनरेगा से ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्यो में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन ने एमएमएस (मोबाइल मानीटिरिग सिस्टम) से हाजिरी लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। फर्जी मस्टरोल भरकर धनराशि हड़पी जा रही है। किशनी ब्लाक की ग्राम पंचायत चितायन में रोजगारसेवक को किनारे कर महिला मेट के सहारे मनरेगा के फर्जी काम कराने का मामला अधिकारियों के पास आया है। ग्राम पंचायत के रोजगारसेवक आमोद कुमार ने बताया कि उमेश के खेत से प्रदीप के खेत तक नाली निर्माण कार्य 90,214 रुपये, व्यास के खेत से राधाकिशन के खेत तक 90,215 रुपये और 16 मील से नाले की पुलिया तक 11,661 रुपये के काम महिला मेट के जरिये कराना बताया है, जबकि ब्लाक टीए कप्तान सिंह इसके मस्टरोल नहीं दे रहे हैं। फर्जी मजदूर दर्शाकर धन को हड़पा जा रहा है। उनका आरोप था कि इसके पीछे प्रधान प्रतिनिधि गौरव कुमार और टीए की मिलीभगत है। फाइलों पर फर्जी भुगतान का खेल भी हो रहा है। ब्लाक से उनको मस्टरोल रिसीव नहीं कराए जाते हैं। महिला मेट के जरिये फर्जी श्रमिक भरे जाने का खेल चल रहा है।

जिला विकास अधिकारी केके सिंह ने बताया कि ऐसा मामला आया है, जांच के आदेश दिए गए हैं। रोजगारसेवक को मस्टरोल दिए जाने चाहिए, जांच में सही मामला सामने आ सकेगा।

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