खनन माफिया ने खोद डाले ऋषियों के प्राचीन टीले

औंछा क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर जेसीबी और ट्रैक्टरों के जरिए अवैध खनन किया जा रहा है। लोगों द्वारा शिकायत किये जाने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 07:32 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 07:32 PM (IST)
खनन माफिया ने खोद डाले ऋषियों के प्राचीन टीले
खनन माफिया ने खोद डाले ऋषियों के प्राचीन टीले

संसू, औंछा, मैनपुरी: खनन माफिया ऋषि मुनियों के प्राचीन टीले भी नहीं छोड़ रहे हैं। जेसीबी से लगातार मिट्टी की खोदाई की जा रही है। ऋषियों के टीले खोदे जाने से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। शिकायत के बावजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

बीते महीनों से औंछा क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर अवैध खनन किया जा रहा है। थाने से कुछ दूर स्थित सरकारी जमीन के अलावा, चारागाहों, तालाबों और अन्य सरकारी जमीनों से मिट्टी की खोदाई की जा रही है। माफिया द्वारा गांव नगला कन्हई, होलूपुर, भिटाई, नगला देवी, नगला देवी मोड, नगला मिते और अन्य स्थानों पर सरकारी जमीन से मिट्टी खोदकर जमीनों को उबड़-खाबड़ बना दिया है।

यही नहीं खनन माफिया द्वारा गरुण ऋषि, श्रृंगी ऋषि, ओम ऋषि और अन्य ऋषियों के टीले से मिट्टी की खोदाई की जा रही है। पुलिस संरक्षण के चलते इनका हौसला बढ़ा हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक माफिया द्वारा बनाए गए गहरे गड्ढे बरसात में पानी से भर जाएंगे। ऐसे में पशुओं के साथ हादसे हो सकते हैं। क्षेत्रीय विद्याराम यादव, अशोक यादव, धर्मेंद्र, सुरेंद्र देव, राजेंद्र कठेरिया, सचितानंद, प्रमोद, नितिन प्रताप व अन्य ने आलाधिकारियों से ऋषियों के टीलों का संरक्षण कराने की मांग की है। तालाब की जमीन से हटाए अतिक्रमण

संसू, करहल: थाना क्षेत्र के गांव सैलामऊ में गांव के लोगों ने तालाब की जमीन पर घूरा, मिट्टी डालकर और चबूतरा बनाकर अवैध अतिक्रमण कर लिया था। तालाब की तरफ जाने वाली नाली भी बंद कर दी गई थी। घरों से आने वाला गंदा पानी रास्ते में हर समय भरा रहता था। शिकायत गांव के लोगों ने एसडीएम से की थी।

शुक्रवार को एसडीएम रतन कुमार वर्मा ने इंस्पेक्टर शिव कुमार चौहान के साथ मौके पर तालाब की जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण को जेसीबी से हटवा दिया। तत्पश्चात लेखपालों से तालाब की जगह की पैमाइश करा कर सीमांकन करवा दिया गया। इसी के साथ गांव के प्रधान को निर्देश दिए कि वह मनरेगा मजदूरों के द्वारा तालाब को पूर्व स्थिति में लाने का काम प्रारंभ करवा दें। यह काम अगले दो-तीन दिनों में हो जाना चाहिए।

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