बारिश के मौसम में बेहतर आपूर्ति की तैयारी में जुटा विद्युत विभाग
बरसात में ट्रांसफारमरों के फुंकने या शार्ट होने की घटनाएं अक्सर होती र
जासं, मैनपुरी : बरसात में ट्रांसफारमरों के फुंकने या शार्ट होने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। जिससे बड़ी तकनीकी खराबी की संभावना बढ़ जाती है। इस बार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने पहले से ही तैयारी कर ली है। 400 से ज्यादा ट्रांसफारमरों का बड़ा बेड़ा कार्यशाला में तैयार रखा है।
मैनपुरी विद्युत कार्यशाला में इमरजेंसी से निपटने के लिए ट्रांसफारमरों की मरम्मत का काम इन दिनों जोरों पर है। सहायक अभियंता दीपचंद्र का कहना है कि ट्रांसफारमरों के मामले में जिला अब पूरी तरह से सक्षम हो चुका है। जिले में 56 उपकेंद्र हैं जिन पर 29 हजार ट्रांसफारमर लगे हुए हैं। बरसात के दिनों में औसतन प्रतिदिन सात से आठ ट्रांसफारमर जलते हैं या शार्ट होते हैं। मौजूदा समय में हमारे पास 400 ट्रांसफारमरों का स्टाक उपलब्ध है। इसके अलावा कार्यशाला में प्रतिमाह 300 ट्रांसफारमरों को रिपेयर भी कर दिया जाता है। जिले में कहीं से भी सूचना मिलने पर कुछ घंटों के अंदर ही नया ट्रांसफारमर रखवा दिया जाएगा। एक नजर में कार्यशाला की स्थिति
क्षमता, ट्रांसफारमरों की उपलब्धता
10 केवीए, 68
16केवीए, 114
25 केवीए, 130
63 केवीए, 13
100केवीए, 39
160केवीए, 3
250 केवीए, 5
400केवीए, 4
650 केवीए, 2
1000केवीए, 1
हम पूरी तरह से तैयार हैं। ट्रांसफारमरोंको पहुंचाने के लिए दो अतिरिक्त पिकअप गाड़ियां लगाई गई हैं। पहले छह वाहन थे जो अब बढ़कर आठ हो गए हैं। प्रत्येक वाहन में लोकेशन ट्रेस करने के लिए जीपीएस लगाया गया है।
अतुल अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, विद्युत। भीषण गर्मी में बिजली कटौती से कस्बावासी परेशानी : उमस भरी गर्मी के बीच क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है। सुबह से ही बिजली की आंख मिचौली शुरु हो जाती है, जो दिन भर चलती रहती है।
कस्बा के लोगों का कहना है कि रात के समय में भी बिजली की कटौती से नागरिकों की नींद हराम हो रही है। गर्मी के मौसम में बिजली कटौती के चलते घरों में लगे पंखे शोपीस बने हुए हैं। बिजली को लेकर नगर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुरा हाल है। भीषण गर्मी में लोग बेहाल रहे हैं। बिजली कब आती है और कब जाती है, इसका कोई रोस्टर नहीं बनाया गया है। नगर के लोग विभागीय मोबाइल पर फोन कर बिजली आने की जानकारी लेते हैं तो उन्हें शटडाउन, ट्रिपिग और फाल्ट की समस्या बताकर चुप करा दिया जाता है। लेकिन, बिजली आने का सही समय नहीं बताया जाता है। सुबह पांच बजे से लेकर शाम आठ बजे तक रोस्टिग चलती रहती है। सबसे ज्यादा रोस्टिग कुसमरा विद्युत उपकेंद्र से होती है। जेई ज्ञानेंद्र पुष्कर ने बताया रोस्टिग जिले से ही लागू की जाती है, उसी हिसाब से नगर में रोस्टिग चलती है।