75 हजार से अधिक बच्चे पोषाहार से वंचित
पोषाहार वितरण करने वाली कंपनी की निविदा समाप्त अब नई व्यवस्था के तहत मुहैया कराया जाएगा पोषाहार।
जासं, मैनपुरी: पोषाहार वितरण से जुड़ी कंपनियों के टेंडर निरस्त होने का सीधा असर गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा है। पिछले दो माह से उनको पोषाहार नहीं मिल रहा है। अधिकारियों का कहना है वैकल्पिक व्यवस्था न होने से दिसंबर तक इसका इंतजार करना पड़ सकता है। इस वजह से करीब 75 हजार छोटे बच्चों और 35 हजार गर्भवती महिलाओं को पोषाहार से वंचित होना पड़ रहा है। अधिकारी अब नई व्यवस्था होने की बात कह रहे हैं। इसके लिए आदेश जारी होने की बात बताई जा रही है। कुपोषण से निपटने को विभिन्न आयुवर्ग के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषाहार मुहैया कराया जाता था। लेकिन, इसकी आपूर्ति में ही कई गड़बड़ियां प्रकाश में आने लगीं। पोषाहार आपूर्ति कंपनियों के एकाधिकार का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। तमाम शिकायतें मिलने पर सरकार ने पंजीरी कंपनियों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर दी है। इसके निरस्त होने से अगस्त माह तक ही पोषाहार वितरित किया जा सका। इसके बाद सितंबर माह से यहां पोषाहार वितरण बंद हो गया।
अधिकारियों के मुताबिक, पंजीरी कंपनियों के वर्चस्व को खत्म करने को सरकार नई रणनीति तैयार कर रही। यह काम स्वयं सहायता समूहों को देने की तैयारी हो रही। लेकिन, सरकार ने पोषाहार वितरण की कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही तैयार नहीं की। इस वजह से पोषाहार वितरण पिछले माह से पूरी तरह ठप है। अधिकारियों का कहना है अगले माह तक यह काम दुबारा शुरू हो सकेगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैनपुरी में छह माह से तीन वर्ष के 45864 बच्चे, तीन वर्ष से छह वर्ष तक के 23093 बच्चे सहित 34161 गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरित किया जाता था। लाकडाउन के दौरान गांव वापस आने वालों में 1538 बच्चे और महिलाओं को पोषाहार दिए गए। पोषाहार के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। उसके माध्यम से ही वितरण कराया जाएगा। शासन से इसके लिए निर्देश मिले हैं, जल्द ही पोषाहार देने का काम शुरू होगा।
- अरविद, जिला कार्यक्रम अधिकारी