बुखार से बालक सहित चार की मौत

दो महीना पहले शुरू हुआ बीमारी से मौतों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुखार से एक बालक समेत शुक्रवार को चार लोगों ने दम तोड़ दिया। जबकि, दो दर्जन से ज्यादा बुखार पीड़ितों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Sep 2018 11:02 PM (IST) Updated:Thu, 27 Sep 2018 11:02 PM (IST)
बुखार से बालक सहित चार की मौत
बुखार से बालक सहित चार की मौत

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : जानलेवा होता जा रहा बुखार अब बेकाबू होने लगा है। दो महीना पहले शुरू हुआ बीमारी से मौतों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को बुखार से पीड़ित एक बालक समेत चार लोगों ने दम तोड़ दिया। जबकि, दो दर्जन से ज्यादा बुखार पीड़ितों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।

मौसम की मार ¨जदगी पर भारी पड़ रही है। जिला अस्पताल में बुखार और डायरिया पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार की सुबह से ही मरीजों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थी। इटावा जिला के महेंद्र नगर निवासी महेंद्र पाल ¨सह आगरा रोड स्थित अपने रिश्तेदार के यहां आए थे। दो दिनों से उनके तीन माह के बेटे कार्तिक को बुखार आ रहा था। निजी चिकित्सक से उपचार कराया। गुरुवार को बेसुध हालत में बच्चे को लेकर इमरजेंसी पहुंचे तो चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया।

शहर के ही मुहल्ला गाड़ीवान निवासी चंद्रप्रकाश (55) और मुन्नी (65) को अचेतावस्था (गैस¨पग) में इमरजेंसी पहुंचाया गया। जहां थोड़ी ही देर बाद दोनों की मौत हो गई। बेवर थाना क्षेत्र के गांव केशोपुर गढि़या निवासी रामवती देवी (70) की भी गैस¨पग की वजह से मौत हो गई। शाम चार बजे तक अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में 53 मरीज पहुंचे जिनमें से 26 बुखार से पीड़ित थे। गंभीर हालत में अधिकांश मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया गया।

मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। मरीजों को राहत देने के लिए न तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कदम उठाए जा रहे हैं और न ही जिला प्रशासन ने अब तक संज्ञान लिया है।

अधिकारी कहिन

हमारे पास जो संसाधन हैं, उन्हीं से उपचार दिया जा रहा है। बिस्तरों की इमरजेंसी में कमी है। शिविरों में अस्पताल के चिकित्सकों की ड्यूटी लगा दिए जाने के कारण स्थितियां बिगड़ जाती हैं। यदि चिकित्सक मिल जाएं तो और भी बेहतर उपचार दिया जा सकता है।

डॉ. आरके सागर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल, मैनपुरी।

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