अनाज भंडारण को खुद का गोदाम बना सकेंगे किसान

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मिलेगा 50 फीसद अनुदान गोदाम का निर्माण कराकर अन्नदाता अब रोक सकेंगे भंडारण

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 06:10 AM (IST)
अनाज भंडारण को खुद का गोदाम बना सकेंगे किसान
अनाज भंडारण को खुद का गोदाम बना सकेंगे किसान

जासं, मैनपुरी: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) योजना के तहत अब किसान भी अनाज भंडारण के लिए छोटे गोदाम का निर्माण करा सकेंगे। कृषि विभाग की ओर से इसके निर्माण में खर्च होने वाली कुल लागत का 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। निर्माण पूर्ण होने के बाद भौतिक और स्थलीय सत्यापन होगा।

अब तक किसानों के पास अनाज भंडारण के लिए खुद के गोदाम नहीं हैं। ऐसे में फसल तैयार होने के बाद किसान सीधे बाजार में अनाज बेचने को विवश होते हैं तो काफी किसान बाद में बेचने के लिए रोक लेते हैं। लेकिन, गोदाम न होने के कारण कई बार किसानों को इससे नुकसान भी होता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सरकारी सस्ते गल्लों की दुकानों तक अनाज पहुंचाने के लिए भी ट्रांसपोर्ट पर सरकार का काफी खर्च आता है।

ऐसे में सरकार ने एनएफएसएम के तहत छोटे गोदाम बनाने की योजना शुरू की है। इसके लिए किसानों को आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। खुद के खर्च पर नींव भराई, चिनाई आदि का काम पूरा होने के बाद पहली किस्त के रूप में 40 फीसद का भुगतान किया जाएगा। गोदाम की छत पड़ने के बाद दूसरी किस्त में दस फीसद भुगतान दिया जाएगा। गोदाम का भौतिक सत्यापन उप कृषि निदेशक कार्यालय के अवर अभियंता करेंगे।

छोटे गोदाम से किसानों को होगा फायदा

सीजन में फसल सस्ती होती है, लेकिन बाद में भाव बढ़ जाते हैं। भंडारण की व्यवस्था न होने के कारण किसानों को ज्यादा फायदा नहीं होता। किसानों के पास खुद का गोदाम होगा तो वह अनाज का भंडारण कर सकेंगे। इसके साथ ही बाजार के रुख को देखते हुए अपने अनाज की बिक्री कर सकेंगे। इससे किसानों को ज्यादा लाभ होगा।

गोदाम योजना के तहत गोदाम का निर्माण कराने वाले किसानों को कृषि विभाग की ओर से 50 फीसद का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। गोदाम निर्माण में आने वाले कुल लागत का 50 फीसद संबंधित लाभार्थी को खर्च करना होगा। अनुदान का भुगतान दो बार में किया जाएगा। डीवी सिंह, उप कृषि निदेशक।

chat bot
आपका साथी