फाइनल डोज में फिसड्डी रहे स्वास्थ्य केंद्र
19 फरवरी को 10 केंद्रों पर हेल्थ वर्कर का फाइनल वैक्सीनेशन हुआ था जिसमें से 338 केंद्र छोड़ गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा।
जासं, मैनपुरी: कोविड वैक्सीनेशन के फाइनल डोज के आयोजन में जिम्मेदारों की अनदेखी ने सवाल खडे़ कर दिए हैं। शुक्रवार को शहर की अर्बन पीएचसी और सुल्तानगंज सीएचसी पर सबसे खराब प्रदर्शन रहा, जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने जवाब मांगा है।
19 फरवरी को जिले के 10 केंद्रों पर 1256 हेल्थ वर्कर को कोविड वैक्सीन का दूसरा और फाइनल डोज लगाने के लिए चिन्हित किया गया था। निर्धारित समय तक 918 ने वैक्सीन लगवाई थी, जबकि 338 तो बार-बार फोन करने के बावजूद केंद्रों पर नहीं पहुंचे थे। समीक्षा में चार सेंटरों पर बेहद खराब प्रदर्शन सामने आया है। जिला मुख्यालय पर संचालित स्वास्थ्य केंद्रों पर ही जिम्मेदार वैक्सीनेशन का फीसद नहीं बढ़वा सके।
सदर क्षेत्र अंतर्गत शहर के आगरा रोड पर संचालित शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर 107 हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगनी थी। शाम पांच बजे तक यहां सिर्फ छह लोग ही फाइनल डोज के लिए पहुंचे थे। सबसे खराब प्रदर्शन इसी केंद्र का रहा। इसके बाद शहर के हिदपुरम स्थित केंद्र पर पंजीकृत 39 में से 14 लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई थी। यहां 36 फीसद वैक्सीनेशन रिकार्ड हुआ था।
सीएचसी सुल्तानगंज में 86 हेल्थ वर्करों के सापेक्ष मात्र सात ही वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे थे। बाकी सभी ने फोन नहीं रिसीव किया। यहां मात्र आठ फीसद ही वैक्सीनेशन रिकार्ड हुआ था। सीएचसी बेवर शहरी में 78 के सापेक्ष मात्र 11 ने ही वैक्सीन का फाइनल डोज लगवाया था। यहां 14 फीसद वैक्सीनेशन हुआ था।
इन चारों केंद्रों के नोडल अधिकारियों से अब कम फीसद की वजह पूछी गई है। सीएमओ डा. एके पांडेय का कहना है कि सभी से कहा गया है कि अगले चरण में फीसद को सुधारने में भरपूर प्रयास करें।