कपड़ा कारोबारियों को हुआ पांच करोड़ का घाटा
लाकडाउन की वजह से कपड़ा कारोबार चौपट हो गया है। दुकानों पर ताले लटके हुए हैं।
जासं, मैनपुरी: ईद के बाजार पर कोरोना संक्रमण का साया छाया हुआ है। लाकडाउन होने के कारण शहर भर की रेडीमेड और कपड़े की दुकानें बंद हैं, जिसके चलते बिक्री पूरी तरह से ठप है। ऐसे में शहर के कारोबारियों को पांच करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था।
शहर के सदर बाजार, स्टेशन रोड, बजाजा बाजार, लेनगंज बाजार में कपड़े का अधिक कारोबार है। इन्हीं बाजारों से जिलेभर में थोक के रूप में भी कपड़ों की सप्लाई की जाती है। ईद और सहालग होने के कारण कपड़ा कारोबारियों को इस बार के बाजार से काफी उम्मीदें थी, जिसके चलते व्यापारियों ने कई किस्म और वैरायटी के कपड़ों का संग्रह कर लिया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी है। सहालग और ईद नजदीक आते ही संक्रमण ने भी तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया, जिसके चलते मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा होने लगा। मरीज बढ़ते ही सरकार को लाकडाउन करना पड़ा। लाकडाउन का सीधा असर कारोबार पर पड़ा है।
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पिछले बार तो ईद का पूरा बाजार ही कोरोना की भेंट चढ़ गया था, जिससे काफी नुकसान झेलना पड़ था। इस बार के बाजार से उम्मीद लगाए हुए थे। लेकिन, इस बार भी काफी नुकसान हो रहा है।
-राजू , कपड़ा व्यापारी। कोरोना संक्रमण के चलते पूरे साल भी हाथ पर हाथ रखे बैठे थे। इस बार सहालग और ईद का बाजार से काफी उम्मीदें लगाए हुए थे। लेकिन, पिछले साल की तरह इस साल भी काफी नुकसान होगा।
-औकाफ खां, कपड़ा व्यापारी।
एक साल से हर कारोबारी नुकसान में चल रहा था। संक्रमण में कमी आते ही व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। लेकिन दूसरी लहर से तो कारोबार को और भी अधिक घाटा हो गया है।
-संजय गंभीर, कपड़ा व्यापारी। सहालग और रमजान की शुरुआत होते ही कपड़ों की बिक्री शुरू हो जाती थी। लेकिन, इस बार छोटे और बड़े दोनों कारोबारी बिक्री तक को तरस गए है। कारोबारियों को काफी लगा है।
-अरशद वारसी, रेडीमेड कारोबारी।