श्रीलंकाई भिक्षु जसराजपुर लाएंगे भगवान की बुद्ध का अस्थि कलश
23 अक्टूबर को कुशीनगर से जसराजपुर राजघाट पहुंचेगी श्रीलंकाई भिक्षुओं और संस्कृति मंत्रालय की टीम एक दिन दर्शन के बाद सारनाथ रवाना हो जाएगा अस्थि कलश
संसू, भोगांव : दुनिया को मानवता का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को लेकर श्रीलंकाई भिक्षुओं का दल शनिवार को जसराजपुर राजघाट पहुंचेगा। अस्थि कलश को स्थानीय लोगों के दर्शन के लिए एक दिन वाईबीएस सेंटर पर रखा जाएगा। श्रीलंकाई भिक्षुओं के संस्कृति मंत्रालय के सदस्यों के स्वागत के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
बुधवार को बौद्ध तीर्थ स्थल कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण समारोह में पहली प्लाइट से श्रीलंका से आ रहीं भगवान बुद्ध की अस्थियों को श्रीलंकाई दल बौद्ध तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराएगा। कुशीनगर से सड़क मार्ग के जरिए 23 अक्टूबर को अस्थि कलश जिले में पहुंचेगा। गांव जसराजपुर में राजघाट में वाईबीएस सेंटर पर शुक्रवार रात भिक्षुओं का दल अस्थि कलश लेकर पहुंचेगा। यहां पर रात में ही महापरित्राण का पाठ भिक्षु करेंगे। शनिवार को अस्थि कलश को आम लोगों के दीदार के लिए रखा जाएगा। पूरे दिन दर्शन के बाद अस्थि कलश को लेकर केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की टीम वाराणसी जिले के बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ की ओर रवाना हो जाएगी। श्रीलंकाई भिक्षुओं के दल का नेतृत्व वाम्मा दूबे महेंद्रा महानाइके थैरो करेंगे। कार्यक्रम की सफलता के लिए मंगलवार को वाईबीएस सेंटर पर अध्यक्ष सुरेश बौद्ध, महासचिव भंते डा. उपनंद थैरो ने भिक्षुओं के साथ तैयारियों को लेकर मंथन किया। कंबोडियन मंदिर में रुकेगा भिक्षुओं का दल
श्रीलंकाई भिक्षुओं के दल को जसराजपुर राजघाट स्थित कंबोडियन मंदिर में रुकने की व्यवस्था कराई जा रही है। 15 भिक्षुओं के अतिरिक्त संस्कृति मंत्रालय की टीम भी साथ रहेगी। जसराजपुर के बाद अस्थि कलश यात्रा को दिल्ली, सारनाथ, लेह लद्दाख में भ्रमण कराया जाएगा। 30 अक्टूबर को भिक्षुओं का दल दिल्ली से श्रीलंका की राजधानी कोलंबो रवाना हो जाएगा।