अगवा और दुष्कर्म में दोषी को उम्रकैद, अर्थदंड भी

पांच साल पहले फीरोजाबाद के आरोपित ने मेला से अगवा कर किशोरी से किया था दुष्कर्म विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट कोर्ट में हुई सुनवाई

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 06:40 AM (IST)
अगवा और दुष्कर्म में दोषी को उम्रकैद, अर्थदंड भी
अगवा और दुष्कर्म में दोषी को उम्रकैद, अर्थदंड भी

जासं, मैनपुरी : पांच साल पहले मेला गई किशोरी को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में फीरोजाबाद निवासी आरोपित को विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट कोर्ट की न्यायाधीश पूनम ने दोषी पाते हुए आजीवन करावास और 45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना कुर्रा क्षेत्र के एक गांव की किशोरी 10 मई, 2016 को गांव में लगे मेले में गई थी। यहां धीरज निवासी एलान नगर, थाना उत्तर जिला फीरोजाबाद उसे अगवा कर ले गया था। घटना की रिपोर्ट किशोरी के स्वजन ने आरोपित के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस ने घटना के कुछ दिन बाद किशोरी को बरामद कर लिया था। किशोरी ने पूछताछ में बताया था कि अगवा करने के बाद आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। इसी आधार पर पुलिस ने घटना में दुष्कर्म की धारा बढ़ाते हुए चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी। आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में वह जमानत पर रिहा हो गया। सुनवाई के दौरान आरोपित ने खुद को निर्दोष बताया। अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी मुकुल रायजादा और अनूप यादव ने की। पैनल से कराए जाएं महिलाओं के शवों के पोस्टमार्टम: डीएम

जासं, मैनपुरी : पोस्टमार्टम हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरे लगातार संचालित रहने चाहिए। पोस्टमार्टम की रिकार्डिंग सुरक्षित रखी जाए। महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम पैनल के जरिए कराया जाए। इसके साथ पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाए। यह निर्देश डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने अभियोजन की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।

उन्होंने डीजीसी और एडीजीसी को निर्देश दिया कि वे वादों में प्रभावी पैरवी करें। दोषियों को हर हाल में सजा दिलाई जाए। पीड़ित का इंसाफ मिलना चाहिए। डीजीसी और एजीडीसी संचालित वादों को लेकर आपस में चर्चा कर लें। यदि समस्या हो तो पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाएं। आवश्यकता पड़ने पर संयुक्त निदेशक अभियोजन से बातचीत करें। गंभीर वादों पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक में एसपी अशोक कुमार राय, एएसपी मधुबन कुमार सिंह, सीएमओ पीपी सिंह, संयुक्त निदेशक अभियोजन डीके मिश्रा, डीजीसी और एडीजीसी उपस्थित रहे।

chat bot
आपका साथी