क्राप कटिग में बढ़ा धान का उत्पादन

प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी हर साल फसल उत्पादन का आंकड़ा निकालने के लिए क्राप कटिग का सहारा लेते हैं। इससे प्रति हेक्टेयर होने वाली पैदावार का उत्पादन निकल आता है। इस बार अधिकारियों ने बेवर में धान फसल की क्राप कटिग कराई उत्पादन बीते साल से ज्यादा निकला। बीते साल जहां एक हेक्टेयर में धान का उत्पादन 30.5 से 31 कुंतल के बीच था वहीं इस बार यह 32.5 से 33 कुंतल तक आंका गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:16 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:16 AM (IST)
क्राप कटिग में बढ़ा धान का उत्पादन
क्राप कटिग में बढ़ा धान का उत्पादन

जासं, मैनपुरी: प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी हर साल फसल उत्पादन का आंकड़ा निकालने के लिए क्राप कटिग का सहारा लेते हैं। इससे प्रति हेक्टेयर होने वाली पैदावार का उत्पादन निकल आता है। इस बार अधिकारियों ने बेवर में धान फसल की क्राप कटिग कराई, उत्पादन बीते साल से ज्यादा निकला। बीते साल जहां एक हेक्टेयर में धान का उत्पादन 30.5 से 31 कुंतल के बीच था, वहीं इस बार यह 32.5 से 33 कुंतल तक आंका गया।

जिला कृषि अधिकारी डा. सूर्य प्रताप सिंह ने राजस्व टीम के साथ बेवर ब्लाक के गांव गग्गरपुर स्थित राजकीय कृषि प्रक्षेत्र फार्म में तैयार धान प्रजाति 1509 की क्राप कटिग कराई। राजस्व टीम ने कटिग से पहले भूमि का रकबा नापा। इसके बाद मजदूरों ने फसल को काटा। तोलाई के बाद उत्पादन निकाला गया। यह क्राप कटिग पीएम फसल बीमा योजना कराने वाले किसानों के दावों की सत्यता के लिए हर साल अलग-अलग फसलों होती है।

- ऐसे होती है क्राप कटिग- कटिग के तहत चिह्नित खेत में जाकर 10 गुणा पांच वर्ग मीटर में धान की तैयार फसल को काटा जाता है। उसके बाद अधिकारी की मौजूदगी में मजदूर उस धान को पीटकर उसकी फसल निकालते हैं। अधिकारियों की मौजूदगी में फसल का चयन कर रिकार्ड में लिखा जाता है। -

फसल ज्यादा पकने पर नहीं होता है चावल पुष्ट- धान की फसल अधिक पक जाने के कारण झ़ुर्री लग जाता है। जिस कारण पैदावार में कमी हो जाती है। इसलिए समय पर ही फसल की कटाई काम करना चाहिए।

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इस बार बेहतर है उत्पादन-

क्राप कटिग में इस बार धान का उत्पादन बीते साल के मुकाबले बढ़ा ही निकला है। बीते साल एक हेक्टेयर में करीब 30 से 31 कुंतल तक धान पैदावार का उत्पादन आंका गया था। जबकि इस साल यह उत्पादन 32 से 33 कुंतल तक निकल रहा है।

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इस बार जिले में धान का उत्पादन बीते साल से बेहतर है। इसकी वजह मौसम की मेहरबानी है। अब इस मौसम का फायदा रबी सीजन में भी मिलेगा।- डा. सूर्यप्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी।

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