फर्जी अभिलेखों से शासन को लग सकती है 90 लाख की चोट

तहसील घिरोर की कार्यशैली शासन को भारी पड़ सकती है। सरकारी जमीनों में

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 05:03 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 05:03 AM (IST)
फर्जी अभिलेखों से शासन को लग सकती है 90 लाख की चोट
फर्जी अभिलेखों से शासन को लग सकती है 90 लाख की चोट

जासं, मैनपुरी: तहसील घिरोर की कार्यशैली शासन को भारी पड़ सकती है। सरकारी जमीनों में दर्ज कराए गए नामों को हटाकर तहसील प्रशासन साढ़े तीन साल बाद भी ग्राम सभा का नाम दर्ज नहीं कर सका है। प्रशासन की इस सुस्ती का फर्जी नाम चढ़वाकर सरकारी जमीन का मालिक बना व्यक्ति शासन से 90 लाख का मुआवजा मांग रहा है।

मामला घिरोर तहसील के गांव कल्होर पछां से जुड़ा है। आरोप है कि वर्ष 1980 में गांव के स्वराज सिह ने उस समय मैनपुरी के तहसीलदार रहे एक रिश्तेदार अधिकारी से साठगांठ कर राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कराकर सरकारी जमीन अपने परिवार की महिलाओं के नाम दर्ज करवा ली। यह जमीन बाद में विरासतन हरिमाधव के नाम दर्ज हो गई। गांव कल्होर पछां की इस जमीन में कई तालाब और खेड़ा की जमीन के अलावा गांव गोधना, कल्होर पवां में भी ऐसी जमीन बताई जा रही है। शिकायतकर्ता कल्होर पछां के घनश्याम सिंह के अनुसार, गाटा संख्या 2472 तालाब, गाटा संख्या 2487 और 2493 ग्राम समाज की जमीन है।

-

साढ़े तीन साल में हुई कार्रवाई-

डीएम ने मार्च 2018 में इन जमीनों से हरिमाधव पुत्र हरवंश का नाम हटाकर ग्राम समाज दर्ज करने के आदेश तहसील घिरोर को दिए थे। साढ़े तीन साल बाद भी तहसील प्रशासन मामले में चुप्पी साधे बैठा हुआ है।

-

मांग रहा 90 लाख का मुआवजा-

डीएम महेंद्र बहादुर सिंह को सरकार के हक की लड़ाई लड़ रहे घनश्याम सिंह ने बताया कि सरकारी जमीन को अवैध तरीके से हड़पने वाला हरिमाधव अब गांव के सामने से निकले फोरलेन और पुल में चली गई । तालाब और अन्य जमीन के एवज में शासन से 90 लाख का मुआवजा मांग रहा है।

-

नहीं हो रही सुनवाई-

मामले में घनश्याम सिंह ने इसी 21 अगस्त को तहसील समाधान दिवस में एसडीएम को मामले में कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होंने जमीन नाम करवाने के साथ हरिनाम सिंह की भी जानकारी ली, लेकिन प्रकरण में कुछ खास प्रगति नहीं हुई है।

-

ऐसा प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। यदि उनकी जानकारी में ऐसा मामला आता है तो तत्काल कार्रवाई कराई जाएगी। - रतन वर्मा, एसडीएम घिरोर।

chat bot
आपका साथी