जेहन में हो सहन तो परवाज भरे पर्यटन
जिले के करहल ब्लाक क्षेत्र में सहन गांव के आसपास 40 किमी दायरे में तैयार हो रहे सारस सर्किट जैसे प्रयास हों तो जिले में पर्यटन भी परवाज भर सकता है। कई धार्मिक और पौराणिक स्थलों की श्रंखला तो है ही महाराजा तेज सिंह का किला भी पर्यटन का व्यापक जरिया हो सकता है।
जासं, मैनपुरी: जिले के करहल ब्लाक क्षेत्र में सहन गांव के आसपास 40 किमी दायरे में तैयार हो रहे सारस सर्किट जैसे प्रयास हों तो जिले में पर्यटन भी परवाज भर सकता है। कई धार्मिक और पौराणिक स्थलों की श्रंखला तो है ही, महाराजा तेज सिंह का किला भी पर्यटन का व्यापक जरिया हो सकता है।
नम क्षेत्र की बहुलता वाले इस जिले में बीते साल पर्यटकों को सारस के प्रति लुभाने के लिए सारस सर्किट पर काम कराया। 40 किमी के दायरे में विकसित इस सर्किट में पक्षियों के साथ सारस को निहारने के लिए दो स्थानों पर वाच टावर बनाए गए हैं। अन्य कार्य भी कराए जा रहे हैं। सर्किट में शामिल वेटलैंड को संवारकर पर्यटन बढ़ाने का काम अभी भी जारी है। पर्यटकों को लुभाने के लिए लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस- वे पर साइन बोर्ड भी लगाने की योजना है।
शहर में सबसे ऊंचे स्थान पर बना महाराजा तेज सिंह का किला पिछले वर्ष संरक्षित स्मारक घोषित हो चुका है। महाराजा तेज सिंह जूदेव ने पुरानी मैनपुरी में बने किले में रहकर अंग्रेजों से कई बार लड़ाई लड़ी। ये किला गौरव का प्रतीक है। देखरेख के अभाव में किला खंडहर होता जा रहा है। किला का संरक्षण होने के साथ ही यहां पर सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो पर्यटकों के लिए ये आकर्षक का केंद्र बन सकता है। संभावनाएं तो यहां भी हैं
जिले में प्राचीन शीतला देवी मंदिर है। साल भर श्रद्धालु आते रहते हैं। नवरात्र में लक्खी भीड़ उमड़ती है। घिरोर के बिधूना गांव स्थित देवताओं के भानज महर्षि मार्कंडेय की स्थली, औंछा में च्यवन ऋषि आश्रम, भोगांव में सोमनाथ ताल, बेवर में विदुर आश्रम और सुल्तानगंज ब्लाक के लहरा में बाबा लालपुरी का स्थल, यह ऐसे स्थान हैं, जहां धार्मिक पर्यटन को विकसित किया जा सकता है। एक विधानसभा- एक पर्यटन
शासन की पहल पर बीते साल एक विधानसभा-एक पर्यटन की योजना संचालित हुई। इसमें विधायकों के जरिए स्थल चयनित कर प्रस्ताव पर्यटन महानिदेशक को भेजे गए। इन स्थलों के विकसित होने से पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जनप्रतिनिधि करें सहयोग
मैनपुरी का अपना इतिहास है। धार्मिक, पौराणिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक अस्तित्व है। जिले के इतिहास को बचाकर जिले के अन्य प्राचीन स्थलों को भी संरक्षित स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को पहल भी करनी चाहिए।
-श्रीकृष्ण मिश्रा, साहित्यकार।
-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सहन गांव में सारस सर्किट विकसित हो रहा है। एक विधानसभा- एक पर्यटन की योजना पर प्रस्ताव महानिदेशक पर्यटन को भेजे गए हैं। जिले में धार्मिक और पौराणिक पर्यटन विकसित करने पर विचार होगा।
- विनोद कुमार, सीडीओ।