पुरानी खांसी है तो घबराएं नहीं, जांच कराकर लें उपचार

जागरण कार्यालय में जिला क्षय रोग चिकित्साधिकारी डा. आरपी सिंह ने सुनी लोगों की समस्या सुझाया उपाय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:27 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:27 AM (IST)
पुरानी खांसी है तो घबराएं नहीं, जांच कराकर लें उपचार
पुरानी खांसी है तो घबराएं नहीं, जांच कराकर लें उपचार

जासं, मैनपुरी: कमजोर इम्युनिटी और दूषित खान-पान से टीबी की बीमारी बढ़ रही है। जिले में भी इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या सैकड़ों में है। मौजूदा समय में 3350 मरीज जिले में रिकार्ड हैं, जिनका उपचार चल रहा है। युवाओं और बुजुर्गों में यह तेजी से बढ़ी है। खान-पान में लगातार बरती जाने वाली अनदेखी इस बीमारी के बैक्टीरिया को जगह देती है। यह रोग एक संक्रमित मरीज से दूसरे स्वस्थ मरीज में संचरित हो जाता है। ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं। लोगों से यही अपील है कि घबराएं नहीं। यदि पुरानी खांसी है तो उसकी जांच कराएं। टीबी की पुष्टि होती भी है तो छह महीने के नियमित कोर्स से इस बीमारी के बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। गुरुवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में पहुंचे जिला क्षय रोग चिकित्सा अधिकारी डा. आरपी सिंह ने फोन पर लोगों के सवालों के जवाब दिए। लंबे समय से जुकाम बना हुआ है। नाक से पानी भी आता है।

अनिल कुमार, औंछा।

-यदि सामान्य उपचार के बाद भी समस्या ठीक नहीं हो रही है तो एक बार ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह लें। कई बार नाक की हड्डी बढ़ने से ऐसी समस्या होती है, जिसकी जानकारी नेजल एक्स-रे की मदद से ही हो सकती है। गैस की समस्या रहती है। कुछ भी खाते ही पेट दर्द और डकार शुरू हो जाती है।

नरेंद्र सिंह, घिरोर।

-गैस की समस्या सामान्य बात होती जा रही है। असल में यह दिनचर्या में परिवर्तन और अपाच्य भोजन करने से होती है। इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। एक साथ भोजन करने से बेहतर है कि थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें। भोजन करने के तुरंत बाद पानी न पीएं। पूर्व में टीबी की समस्या होने पर दवा ली थी। अब दोबारा गले में खराश महसूस होती है।

राजेंद्र कुमार घिरोर।

-यदि नियमित कोर्स चला होगा तो टीबी का संक्रमण खत्म हो चुका होगा। फिर भी यदि संदेह हो तो दोबारा जांच करा लें। गले में खराश की समस्या से निदान के लिए सुबह के समय नमक के गुनगुने पानी से गरारा करें। ठंडी तासीर वाली चीजों से परहेज बनाएं। हमेशा जुकाम बना रहता है। इससे बचने को क्या करें।

अमन अग्निहोत्री, कुसमरा।

-यह शरीर की इम्युनिटी पर भी निर्भर करता है। पहले जांच कराएं। यदि जांच रिपोर्ट सामान्य आती हैं तो ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों से परहेज रखें। विशेषकर सुबह के समय में ऐसे पदार्थ न लें। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए च्यवनप्रास या अंडा व अन्य पदार्थों का सेवन भी करें। जागरण के सवाल :

टीबी की बीमारी कैसे फैलती है।

-इसके संचरण का मुख्य जरिया इंसान ही हैं। खांसते या छींकते समय लार के ड्रापलेट्स के साथ बैक्टीरिया स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। धीरे-धीरे फेफड़ों में पहंचकर संक्रमण को बढ़ाने लगता है। टीबी के मरीज को किस प्रकार का भोजन लेना चाहिए।

-इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को प्रोटीन युक्त आहार को भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है। प्रोटीन हमारी इम्युनिटी को बढ़ाता है जिससे बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। ठंडी तासीर वाले पदार्थों से परहेज की सलाह दी जाती है। व्यक्ति में इस बीमारी का पता कैसे लगाते हैं।

यदि दो हफ्ते से पुरानी खांसी है तो व्यक्ति को बलगम की जांच कराने की सलाह दी जाती है। अलग-अलग जांचों से बैक्टीरिया की पुष्टि होती है। लगातार छह महीनों तक सामान्य कोर्स होता है। जिसे मरीज सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पताल से भी ले सकते हैं।

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