बस्ता मिला नहीं, कैसे खर्च करें रकम
शासन ने प्रधानों को शवों के अंत्येष्टि की जिम्मेदारी सौंपी है। सफाई पर ध्यान दे रहे हैं। निगरानी समिति के साथ जागरूक कर रहे हैं।
जासं, मैनपुरी: नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को अभी तक शपथ नहीं दिलाई गई, लेकिन कोरोना प्रबंधन से जुड़े कार्यों में उनको जिम्मेदारियां सौंपी जाने लगी हैं। शवों का निस्तारण करने के लिए ग्राम प्रधानों को पांच हजार रुपये खर्च करने के निर्देश दिए गए, जबकि अभी तक ग्राम प्रधानों को बस्ता ही नहीं मिला है। ऐसे में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान असमंजस में फंसे हुए हैं।
ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद नदियों के किनारे शव दफनाने और नदियों में शव प्रवाहित करने के मामले तेजी से सामने आने लगे थे। इसको लेकर सरकार बुरी तरह घिर गई है। इसे देखते हुए आनन-फानन में पंचायती राज निदेशक किजल सिंह ने पंचायती राज उपनिदेशकों को शासनादेश जारी करते हुए कोविड संक्रमण और अन्य कारणों से हुई मौत के पश्चात शवों को नदियों में न बहाने, उनकी सम्मानजनक अंत्येष्टि के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से पांच हजार रुपये दिए जाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग से मिली सूची के आधार पर एडीओ पंचायत इसकी संस्तुति करेंगे। इसके बाद सत्यापित करके ग्राम प्रधान के माध्यम से चिह्नित परिवारों को यह राशि उपलब्ध करानी है, लेकिन इसमें एक पेंच फंसा हुआ है। अभी तक नवनिर्वाचित प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई गई। प्रधान के पास डोंगल ही नहीं है। उनके पास कोई वित्तीय ताकत भी नहीं है। ऐसे में वह सीधे धनराशि उपलब्ध नहीं करा सकेगा। सचिव के माध्यम से ही जरूरतमंद को रकम उपलब्ध कराई जाएगी।
उधर, नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों पर ग्राम निधि से मदद करने का दबाव भी बढ़ रहा है। कोरोना काल में डोंगल न होने से नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को परेशानी हो रही है। हालांकि, डीपीआरओ स्वामीदीन का कहना है पंचायत में प्रशासकों के माध्यम से इसका भुगतान कराया जाएगा। नवनिर्वाचित और पूर्व ग्राम प्रधान पंचायत के निर्धन व्यक्तियों की सूची को सत्यापित कर सकेंगे।
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निराश्रितों के अंतिम संस्कार के लिए भी दिए जाएंगे पांच हजार
निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके दाह संस्कार के लिए ग्राम पंचायतें पांच हजार रुपये की धनराशि खर्च कर सकेंगी। नए शासनादेश में इसका प्रावधान किया गया है। शासनादेश के मुताबिक, आधुनिक निर्धन अथवा निराश्रित उन परिवार के लोगों को लाभ दिया जाएगा जो आर्थिक विपन्नता के चलते अंतिम संस्कार करने में सक्षम नहीं हैं। किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु जिसके परिजन नहीं है उसे भी ग्राम पंचायत अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये उपलब्ध कराएंगी। एक सप्ताह के भीतर नकद अथवा खाते में धनराशि उपलब्ध करानी होगी।
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अभी तक शपथ ही नहीं कराई गई है, धनराशि कैसे खर्च कर सकेंगे। वैसे, गांव में सफाई के साथ जागरूकता कार्यक्रम में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।
- भोजराज सिंह, प्रधान गदनपुर।
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अधिकार तो अभी मिले नहीं हैं, इसके बाद भी निजी स्तर से जो बन पा रहा है, गांव में कर रहे हैं। सफाई के अलावा निगरानी समितियों के साथ जागरूकता को जुटे हैं।
-यतीन्द्र कुमार, प्रधान गांगसी।