होम आइसोलेट मरीज भरेंगे निगरानी चार्ट

भोगांव एल-1 अस्पताल के नोडल अधिकारी डा. अमित भारती ने कहा कि पाजिटिव होने के 10 दिन तक निगरानी चार्ट में स्वास्थ्य संबंधी बिदुओं का उल्लेख करना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 05:45 AM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 05:45 AM (IST)
होम आइसोलेट मरीज भरेंगे निगरानी चार्ट
होम आइसोलेट मरीज भरेंगे निगरानी चार्ट

संसू, भोगांव, मैनपुरी : कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेट किए गए मरीजों को निगरानी चार्ट भरना होगा। लगातार 10 दिन तक विभिन्न बिन्दुओं से संबंधित निगरानी चार्ट भरवाने के लिए स्वास्थ्य टीमों को जिम्मा दिया जाएगा। निगरानी चार्ट में स्वास्थ्य से संबंधित बिदुओं का उल्लेख रहेगा।

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण का ग्राफ बढ़ने के बाद सरकार ने ज्यादातर मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी है। होम आइसोलेट किए जा रहे मरीजों को डाक्टरों की निगरानी में जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन मरीजों का नियमित अंतराल पर हालचाल लेने के लिए संबंधित स्वास्थ्य केंद्र की कोविड सेल को एक्टिव किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए संशोधित गाइड लाइन जारी की है। अब इन मरीजों को प्रतिदिन निगरानी चार्ट में महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख करना होगा। चार्ट में मरीज की पल्स रेट व आक्सीजन लेवल के साथ ही दिन में दो बार तापमान को मापकर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। आक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर डाक्टर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देंगे। नई गाइडलाइन के बाद इस संबंध में स्वास्थ्य टीमों को एक्टिव कर दिया गया है। भोगांव एल-1 अस्पताल के नोडल अधिकारी डा. अमित भारती ने बताया कि होम आइसोलेट मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए पहले ही स्वास्थ्यकर्मी सक्रिय हैं। स्वास्थ्य विभाग की नई एडवाइजरी का पालन कराया जा रहा है।

मंछना ग्राम पंचायत में बुखार, खांसी, जुकाम का प्रकोप

जासं, मैनपुरी: ग्राम पंचायत मंछना और मजरों में इन दिनों ग्रामीण बुखार, खांसी और जुकाम से ग्रसित हैं। दिव्यांग समिति के जिलाध्यक्ष ने डीएम से मिलकर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजने की मांग की है।

दिव्यांग समिति के जिलाध्यक्ष राममोहन मिश्रा सोमवार को डीएम से मिले। ग्राम पंचायत मंछना और दो-तीन मजरों में खांसी, जुकाम और बुखार से ग्रसित ग्रमीणों की समस्या बताकर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम उपचार के लिए भेजने की मांग की। उन्होंने गांव में शिविर लगाकर जांच कराने की बात रखी। मांग करने वालों में पंकज, अवनीश कुमार, सतेंद्र आदि शामिल थे।

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