हड़ताल पर स्वास्थ्यकर्मी, सिर्फ पांच एंबुलेंस दे रहीं सेवा

एंबुलेंस कर्मचारियों ने लखनऊ में धरने की चेतावनी दी। वह बोले-मांग पूरी होने पर धरना जारी रहेगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 04:30 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 04:30 AM (IST)
हड़ताल पर स्वास्थ्यकर्मी, सिर्फ पांच एंबुलेंस दे रहीं सेवा
हड़ताल पर स्वास्थ्यकर्मी, सिर्फ पांच एंबुलेंस दे रहीं सेवा

जासं, मैनपुरी: भले ही प्रशासन ने धरना स्थल खाली करा लिया हो, लेकिन एंबुलेंस चालक एवं अन्य कर्मी अब भी अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। हड़ताल खत्म न करने की बात कर रहे कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक शासन द्वारा उनकी मांग नहीं मानी जाती यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। अब कर्मचारी लखनऊ मे धरना-प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।

एएलएस एंबुलेंस पर तैनात रहे पुराने कर्मचारियों की सेवा समाप्त किए जाने से नाराज 102 और 108 एंबुलेंस के चालक एवं अन्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। दो दिनों तक शहर के छोटा क्रिश्चियन मैदान पर हड़ताल कर धरना दे रहे कर्मचारियों को मंगलवार की दोपहर जिला प्रशासन ने सख्ती से हटवा दिया था। सभी एंबुलेंस को भी वहां से रवाना कराया था। बुधवार को स्थिति दोबारा वैसी ही हो गई।

संघ के अध्यक्ष विजय कुमार का कहना है कि हम अपनी जायज मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं। हमारी नौकरी छीनी जा रही है। सब अपनी नौकरी बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में सुनवाई करने के बजाय प्रशासन दबाव बना रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि वे तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। बुधवार को सिर्फ पांच 108 एंबुलेंस को ही फील्ड में रखा गया था। इनकी मदद से मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया। अब सभी कर्मचारियों द्वारा लखनऊ में धरना प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है। अपने-अपने प्वाइंट पर ही जताया विरोध

एंबुलेंस चालकों ने बुधवार को अपने-अपने प्वाइंट पर एंबुलेंस तो खड़ी रखीं, लेकिन संचालन नहीं किया। इन प्वाइंट पर तैनात रहकर ही विरोध प्रदर्शन करते रहे। नहीं सुनी एजेंसी की, खुद की मरीजों से बात

हड़ताल पर चल रहे एंबुलेंसकर्मियों द्वारा मानवता भी दिखाई जाती रही। हड़ताल के दौरान लखनऊ स्थित कंपनी से मरीजों को रिसीव करने के लिए फोन करने पर कर्मचारियों ने सीधे मरीज से बात कराने के लिए कहा। मरीजों द्वारा बेहद गंभीर स्थिति में मदद की अपील की गई तो कुछ एंबुलेंस चालकों ने मानवता के नाते उन्हें अस्पताल तक पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी निभाई।

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