मरीजों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहा स्वास्थ्य महकमा

आक्सीजन प्लांट के संचालन को जेनरेटर ही नहीं विद्युत आपूर्ति पर निर्भर जिम्मेदार बिजली गुल होने पर बंद हो जाएगी सप्लाई संयुक्त निदेशक ने जताई नाराजगी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 06:45 AM (IST)
मरीजों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहा स्वास्थ्य महकमा
मरीजों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहा स्वास्थ्य महकमा

जासं, मैनपुरी: मरीजों से लेकर अफसरों तक सभी को गुमराह करने वाले स्वास्थ्य महकमा की पोल आखिरकार खुल ही गई। संयुक्त निदेशक डा. वीके सिंह चौहान के निरीक्षण में सामने आया कि किसी भी आक्सीजन प्लांट के संचालन के लिए जेनरेटर की व्यवस्था ही नहीं है। सारे प्लांट बिजली से संचालित हो रहे हैं। बिजली गुल होने पर मरीजों तक पहुंचने वाली आक्सीजन की सप्लाई स्वत: बंद हो जाएगी। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने तत्काल कार्यदायी संस्था से जेनरेटर की व्यवस्था और कनेक्शन कराने के निर्देश दिए हैं।

कोरोना संक्रमण के दौरान आक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद जिला अस्पताल और 100 शैया परिसर में दो आक्सीजन प्लांट पीएम केयर फंड से स्थापित कराए गए, जबकि एक बड़ा प्लांट जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई निधि से लगवाया गया है। तीनों प्लांट चालू हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्लांट स्थापित करने वाली कार्यदायी संस्थाओं के जिम्मेदारों द्वारा इनका बेहतर संचालन होने का दावा किया।

मरीजों के बिस्तरों तक भी इसकी सप्लाई पहुंचाई गई है, लेकिन हैरत की बात है कि किसी भी प्लांट में इमरजेंसी बैकअप के लिए जेनरेटर ही नहीं है। शनिवार को संयुक्त निदेशक ने जब बारीकी से पड़ताल की तो पोल खुल गई। स्वास्थ्य अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके। उन्होंने फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द जेनरेटर लगवाने के निर्देश दिए हैं। जा सकती है मरीज की जान

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन प्लांटों से आक्सीजन की सप्लाई सीधे मरीजों के बिस्तर तक पहुंच रही है। तीनों प्लांट बिजली से संचालित हो रहे हैं। यदि अचानक बिजली गुल हो जाती है तो प्लांट अपने आप बंद हो जाएंगे और आक्सीजन सप्लाई भी रुक जाएगी। यदि आक्सीजन की सप्लाई कुछ सेकेंड के लिए भी रुकती है तो उसकी मदद से कृत्रिम सांस ले रहे मरीजों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। प्लांट स्थापित करने वाली कार्यदायी संस्था से संपर्क कर तत्काल जेनरेटर की आपूर्ति कराए जाने के लिए कहा गया है। फिलहाल इमरजेंसी बैकअप के लिए अस्पतालों में लगे बडे़ जेनरेटर की मदद ली जाएगी। इसके अलावा मैनुअल ढंग से आक्सीजन सप्लाई की भी व्यवस्था है। हम किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतेंगे।

डा. पीपी सिंह, सीएमओ।

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