बच्चों की आनलाइन पढ़ाई और होमवर्क में व्यस्त अभिभावक
कोरोना संक्रमण की वजह से फिर शुरू हुई आनलाइन पढ़ाई ने अभिभावकों को व्
जासं, मैनपुरी : कोरोना संक्रमण की वजह से फिर शुरू हुई आनलाइन पढ़ाई ने अभिभावकों को व्यस्त कर दिया है। बच्चों के लिए कई अभिभावक फरमाइश पूरी भी कर रहे हैं, तो कुछ ने आनलाइन पढ़ाई बंद कर दी है। कई अभिभावकों ने स्कूलों के होमवर्क को नजरअंदाज भी करना प्रारंभ कर दिया है। आनलाइन पढ़ाई के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
बता दें कि शहर के स्कूलों के शिक्षक सुबह नौ बजे से बच्चों को आनलाइन पढ़ाते हैं। 30 मिनट के अंतराल पर विषयों को बदला जाता है। इस दौरान पढ़ाई कराने के लिए अभिभावक भी साथ में रहते हैं। बच्चों को शिक्षक की कक्षा से जोड़ने के लिए होमवर्क लेने तक अभिभावक व्यस्त रहते हैं। कई निजी स्कूल बच्चों को हुनरमंद टास्क देते हैं, जिसे पूरा करने के लिए कई अभिभावक मेहनत करते हैं तो कुछ इसे नजरअंदाज कर देते हैं। आनलाइन पढ़ाई के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
कुछ अभिभावकों ने तो आनलाइन पढ़ाई को बंद कराकर घर में बच्चों का ट्यूशन लगवा दी है। अभिभावकों का कहना है कि आनलाइन बैठकर एक आम इंसान की समझ में ही बड़ी मुश्किल से आती है। फिर छोटे-छोटे बच्चे कैसे पढ़ाई कर लेंगे। यही वजह है कि आनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं।
बड़ा बेटा कक्षा पांच में हैं। आनलाइन पढ़ाई शुरू कराई तो बच्चे को कुछ समझ में नहीं आया। तकनीकी रूप से चल रही पढ़ाई बच्चे के दिमाग में नहीं बैठ रही थी। ऊपर से तरह-तरह का होमवर्क परेशान करने लगा। आनलाइन पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। यही कारण रहा कि आनलाइन पढ़ाई बंद कर दी है। पढ़ाने के लिए घर में ट्यूशन लगवा दिया है।
संजीव कुमार, अभिभावक। बच्चों को पढ़ाने के लिए मां की ड्यूटी लगा दी है। कक्षाएं डेढ़-डेढ़ घंटे चलती हैं। पढ़ाई के बाद होमवर्क लेना होता है। इसे समझने और बच्चों को होमवर्क कराने में पत्नी का पूरा दिन निकल जाता है। इसके बावजूद बच्चे कहते हैं कि पढ़ाई समझ में नहीं आ रही है। इसी कारण ट्यूशन भी लगवाया है।
राहुल गुप्ता, अभिभावक।